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अगर आपने लोन लिया है तो यह खबर पढ़ लें, कहीं बैंक आपसे ज्यादा ब्याज तो नहीं ले रहा?

RBI new rules for overcharging interest of loan : अगर आपने किसी बैंक या NBFC से होम लोन या पर्सनल लोन लिया है तो बैंक जो ब्याज दे रहा है उसे चेक कर लें। बैंक कस्टमर से ज्यादा ब्याज नहीं ले सकता। इसके लिए रिजर्व बैंक ने कुछ नए नियम बनाए हैं।
06:01 PM May 02, 2024 IST | Rajesh Bharti
अगर आपने लोन लिया है तो यह खबर पढ़ लें  कहीं बैंक आपसे ज्यादा ब्याज तो नहीं ले रहा
RBI new Rule

RBI new rules for overcharging interest of loan : क्या आपने कोई होम लोन या पर्सनल लोन लिया है? अगर हां, तो क्या आपने यह चीज चेक की है कि बैंक इस लोन पर ब्याज कब से ले रहा है यानी जिस दिन लोन को मंजूरी मिली उस दिन से या रकम अकाउंट में आई उस दिन से? दरअसल, रिजर्व बैंक ने लोन से संबंधित नए नियम जारी किए हैं। इन नियमों में बताया गया है कि कोई भी बैंक या NBFC (Nonbank financial companies) कस्टमर से लोन की ज्यादा ब्याज नहीं ले सकता। अगर बैंक ने ऐसा किया है तो उसे लिए गए ज्यादा ब्याज को वापस करना होगा।

RBI new Rule

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इस तरह से ले रहे हैं ज्यादा ब्याज

रिजर्व बैंक ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बैंक की उन 'चालाकियों' को उजागर किया है जिनकी मदद से ज्यादातर बैंक कस्टमर से लोन पर ज्यादा ब्याज ले रहे हैं।
1. लोन की मंजूरी वाली तारीख से ब्याज लेना : काफी बैंक कस्टमर से उस दिन से ब्याज लेना शुरू करते हैं जिस दिन लोन अप्रूव होता है या कस्टमर एग्रीमेंट पर साइन करता है। रिजर्व बैंक ने इसे गलत बताया है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक को ब्याज उस दिन से लेना चाहिए जिस दिन लोन की रकम कस्टमर के अकाउंट में आती है।
2. चेक की तारीख से ब्याज लेना : रिजर्व बैंक के मुताबिक यह भी देखने में आया है कि वे बैंक या NBFC जो लोन की रकम चेक के जरिए देती हैं, वे उस दिन से ब्याज की रकम लेना शुरू करती हैं जो तारीख चेक पर लिखी होती है। फिर चाहे वह चेक उस तारीख के कई दिन बाद ही कस्टमर को क्यों न दिया गया हो। ऐसे में कस्टमर को उन दिनों का भी ब्याज देना पड़ता है जब उसे न तो चेक मिलता है और न ही रकम अकाउंट में आती है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक या NBFC ऐसा नहीं कर सकतीं। ब्याज की रकम उस दिन से जुड़नी शुरू होगी जिस दिन चेक की रकम कस्टमर के बैंक अकाउंट में जाएगी। फिर चाहे चेक कितने भी दिन पहले क्यों न दिया हो।
3. पूरे महीने का ब्याज लेना : कुछ बैंक या NBFC उस पूरे महीने का भी ब्याज ले लेती हैं जब कस्टमर लोन की रकम बीच महीने में दे चुका होता है। वहीं कई बार यह भी देखा गया है कि काफी कस्टमर लोन की रकम जिस महीने में वापस करते हैं, उस महीने का भी पूरा ब्याज ले लिया जाता है। फिर चाहे लोन की रकम बीच महीने में वापस क्यों न की गई हो। रिजर्व बैंक ने इसे भी गलत बताया है।
4. ब्याज एडवांस में लेना : कई बार कुछ बैंक या NBFC लोन देते समय कस्टमर से एडवांस में कुछ किस्तें ले लेते हैं। रिजर्व ने इसे भी गलत बताया है। बैंक ने कहा है कि जब बैंक कस्टमर को लोन की पूरी रकम नहीं देते तो ब्याज पूरी रकम पर कैसे लगा सकते हैं। मान लीजिए किसी शख्स ने 50 हजार रुपये का लोन लिया। इसकी किस्त 5 हजार रुपये बनी। बैंक ने दो महीने की किस्त 10 हजार रुपये एडवांस में काट ली और कस्टमर के अकाउंट में मात्र 40 हजार रुपये ही ट्रांसफर किए। ऐसे में बैंक कस्टमर से ब्याज तो पूरे 50 हजार रुपये पर लगा लेकिन कस्टमर को मिले सिर्फ 40 हजार रुपये। बैंक ने इसे गलत बताया है।

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वापस करनी होगी रकम

रिजर्व बैंक ने कहा है कि अगर कोई बैंक या NBFC किसी भी तरह से कस्टमर से ज्यादा ब्याज लेता है तो उसे ब्याज की वह अतिरिक्त रकम वापस करनी होगी। अगर बैंक या NBFC ऐसा नहीं करती हैं तो उसके खिलाफ रिजर्व बैंक में शिकायत कर सकते हैं।

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