होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Wedding Season: इस सीजन में होंगी 48 लाख से ज्यादा शादियां, इतनी होगी कमाई कि उड़ जाएंगे होश

CAIT ने जानकारी दी है कि इस वेडिंग सीजन करीबन 48 लाख शादियां हो सकती है, जो बिजनेस को नए मुकाम पर ले जाएंगी। आइये इसके बारे में जानते हैं।
09:26 PM Nov 05, 2024 IST | Ankita Pandey
Shaddi
Advertisement

Wedding Season Business: त्योहारों का सीजन अभी ठीक से खत्म भी नहीं हुआ कि शादी के सीजन ने अपने आने की दस्तक दे दी। ये एक ऐसा समय है, जब बाजारों में चहल-पहल तेज हो जाती है। ऐसे में CAIT की एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जो आपको चौंका सकता है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( CAIT ) ने बताया कि इस वेडिंग सीजन 6 लाख करोड़ का बिजनेस होने की संभावना है। आइये इसके बारे में जानते हैं।

Advertisement

कब शुरू हो रहा वेडिंग सीजन?

इस बार भारत में वेडिंग सीजन 12 नवंबर से शुरू होकर 16 दिसंबर तक है। इस दौरान भारत में तकरीबन 48 लाख शादियां हो सकती है, जिसके जरिए लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का बिजनेस होने की संभावना है। इस साल 18 ऐसी शुभ तिथियां है, जिसमें शादी की जा सकती है।
नवंबर में शादी के लिए शुभ तिथियों में 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28 और 29 नवंबर की तारीख तय की गई है। वहीं दिसंबर के महीने में  4, 5, 9, 10, 11, 14, 15 और 16 दिसंबर शादी के लिए शुभ तिथियां हैं।

2023 से ज्यादा बिजनेस

इस साल वेडिंग सीजन में कारोबार पिछले साल की तुलना में ज्यादा होगा। बता दें कि 2023 के वेडिंग सीजन में 35 लाख शादियों में 4.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। ये आंकड़े इस साल की तुलना में बहुत कम हैं।

इस साल की शुभ तिथियां भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा हैं। पिछले साल केवल 11 शुभ तिथियां थी। जानकारी मिली है कि केवल दिल्ली में इस साल 4.5 लाख शादियां हो सकती हैं , जिससे 1.5 लाख करोड़ रुपये का बिजनेस जनरेट हो सकता है। दिसंबर के बाद अगला वेडिंग सीजन जनवरी से मार्च 2025 तक होगा।

Advertisement

Shaddi

कितना होता है खर्च ?

CAIT के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कंज्यूमर शॉपिंग बिहेवियर में बदलाव देखा गया है। अब लोग  विदेशी वस्तुओं के बजाय भारतीय प्रोडक्ट्स में रुचि ले रहे हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन की सफलता को दर्शाता है।

CAIT ने इस सीजन होने वाली शादियों को  अलग-अलग कैटेगरी में रखा है। उन्होंने शादियों को खर्चे के हिसाब से कैटेगरी में बांटा है।

  • 10 लाख विवाहों में प्रति विवाह 3 लाख रुपये
  • 10 लाख विवाहों में प्रति विवाह 6 लाख रुपये
  • 10 लाख विवाहों में प्रति विवाह 10 लाख रुपये
  • 10 लाख विवाहों में प्रति विवाह 15 लाख रुपये
  • 7 लाख विवाहों में प्रति विवाह 25 लाख रुपये
  • 50,000 विवाहों में प्रति विवाह 50 लाख रुपये
  • 50,000 विवाहों में प्रति विवाह 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक का खर्चा

इसके साथ ही उन्होंने अन्य खर्चों की जानकारी देते हुए कहा,  कपड़े, साड़ी, लहंगे और परिधान  में कुल खर्च का 10 प्रतिशत, आभूषण में 15 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण में 5 प्रतिशत, सूखे मेवे, मिठाई और नमकीन में 5 प्रतिशत, किराने का सामान और सब्जियां में 5 प्रतिशत, गिफ्ट में 4 प्रतिशत और अन्य सामान में 6 प्रतिशत का खर्च होता है।

इसके अलावा बैंक्वेट हॉल, होटल में 5 प्रतिशत, इवेंट मैनेजमेंट में 3 प्रतिशत, टेंट सजावट में 10 प्रतिशत, खानपान सेवाओं में 10 प्रतिशत, सजावट में 4 प्रतिशत, परिवहन और टैक्सी सेवाएं में 3 प्रतिशत, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में 2 प्रतिशत, आर्केस्ट्रा और संगीत में 3 प्रतिशत, लाइट और साउंड में 3 प्रतिशत और अन्य सर्विस में 7 प्रतिशत खर्च किया जाएगा।

यह भी पढ़ें - PAN कार्ड का गलत इस्तेमाल को रोकने में जुटी सरकार, कंपनियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

Open in App
Advertisement
Tags :
Marriagewedding season
Advertisement
Advertisement