'हफ्ते में 6 Day और दिन में 14 घंटे वर्किंग' Narayana Murthy से मेल खाती है CEO दक्ष की सोच
Daksh Gupta Controversy: इन दिनों AI स्टार्टअप ग्रेप्टाइल के CEO दक्ष गुप्ता को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि उन्होंने हफ्ते में 84 घंटे के काम करने वाले वर्क कल्चर की वकालत की है। उनका कहना है कि स्टार्टअप के शुरुआत में इस रणनीति को अपनाने से कंपनी की ग्रोथ होगी। काम के मामले में उनके विचार भारतीय बिजनेसमैन नारायण मूर्ति के विचारों से काफी मेल खाते हैं।
क्या था दक्ष गुप्ता का पोस्ट?
अमेरिका स्थित एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप के CEO दक्ष गुप्ता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा कि ग्रेप्टाइल में एक हफ्ते में 84 घंटे काम होता है। यहां घड़ी देर रात तक चलती है और वीकेंड पर भी टीम काम करती है। उन्होंने आगे लिखा कि मैंने कंपनी में नौकरी के लिए आए उम्मीदवारों के सामने इंटरव्यू के दौरान इस बात को साफ कर दिया था कि Greptile में कोई वर्क-लाइफ बैलेंस नहीं होता है। यहां हर दिन कर्मचारियों का काम सुबह 9 बजे रात 11 बजे तक चलता है। इसके अलावा वीकेंड पर भी लोग काम करते हैं।
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नारायण मूर्ति का क्या कहना था?
दक्ष को लोग इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति का आदर्श शिष्य के तौर पर देख रहे हैं। क्योंकि नारायण मूर्ति ने भी कुछ इसी तरह के वर्क कल्चर की बात कही थी। उनका कहना था कि जब भारत में 1986 में कंपनियों ने हफ्ते में 5 दिन की वर्क कल्चर को अपनाया तो उनको बहुत निराशा हुई थी। उन्होंने कहा कि 6:30 बजे से उनका ऑफिस शुरू होता जो रात 8:40 बजे तक चलता था।
दक्ष को मिली जान से मारने की धमकियां
जब से सीईओ ने ट्वीट किया है तब से लोग उनको काफी ट्रोल कर रहे हैं। इतना ही नहीं उनको इस दौरान जान से मारने की भी धमकियां मिली हैं। उन्होंने कहा कि मेरे इनबॉक्स में 20% मौत की धमकियां और 80% नौकरी के आवेदन हैं।
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