प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों पर कसेगी नकेल! अब 'e-detection' सिस्टम से होगा चालान
Petrol-Diesel Car: दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक नया फैसला लिया है। दिवाली तक दिल्ली की सड़कों पर पुराने डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों का पता लगाने के लिए एक ऑनलाइन सिस्टम लागू किया जाएगा। इसमें फास्टैग डेटा और गाड़ी डेटाबेस का उपयोग किया जाएगा। जिसमें अधिकारी बिना वैध फिटनेस और प्रदूषण प्रमाण पत्र वाली गाड़ियों की पहचान करके उनका ई-चालान काटेंगे।
e-detection से होगा चालान
केंद्र सरकार ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए नई तकनीक लाने का फैसला किया है। ई-चालान के इस सिस्टम को पहले दिल्ली में लागू किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली में एंट्री करने वाले 52 रास्तों पर e-detection से चालान काटा जाएगा। इसके कुछ दिनों बाद इसको पूरे देश में लागू करने की योजना है। सड़कों पर पुराने डीजल और पेट्रोल की गाड़ियों का पता लगाने के लिए फास्टैग डेटा और वाहन डेटाबेस का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके जरिए उन गाड़ियों का पता लग जाएगा जो बिना वैध फिटनेस और प्रदूषण प्रमाण पत्र के सड़कों पर दौड़ रही हैं।
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कब से होगा शुरू?
ई-डिटेक्शन सिस्टम दिल्ली की सड़कों पर चल रही 10 से 15 साल से पुरानी डीजल और पेट्रोल की कारों पर नकेल कसेगा। सूत्रों के मुताबिक, ई-डिटेक्शन सिस्टम दिवाली तक शुरू हो जाएगा। इससे परिवहन विभाग को यह पता चल जाएगा कि वो कौन सी गाड़ियां हैं जो प्रदूषण का कारण बन रही हैं। इसके बाद उनका ई-चालान काटा जाएगा। इसके लिए फास्टैग और अन्य विवरणों को कैप्चर करने के लिए कैमरे लगाए जाएंगे।
दिल्ली में एंट्री पड़ेगी महंगी
दिल्ली में 10 साल से पुरानी गाड़ियों को सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती दिखती हैं। इस नए नियम के बाद दूसरे राज्यों की गाड़ियों को भी दिल्ली में आने के लिए e-detection से गुजरना होगा। गाड़ी किसी भी राज्य की हो अगर वह 10 साल पुरानी और अनफिट है तो उसका ई चालान किया जाएगा।
क्या है ई-डिटेक्शन सिस्टम?
ई-डिटेक्शन सिस्टम को विशेष तौर पर हाईवे पर गाड़ियों के चालान काटने के लिए लगाया जाता है। ये सिस्टम गाड़ियों के कागजातों की जांच करता है, अगर उसको कागजातों में कुछ कमी मिलती है तो इसकी जानकारी देता है। इसके बाद सिस्टम तुरंत उस गाड़ी के मालिक को चालान की जानकारी देता है।
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