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Veg Thali के दाम 20 फीसदी तक क्यों बढ़े? महंगी होती सब्जियों की वजह भी जानें

वेज थालियों की कीमत में 20% का इजाफा हुआ था, जबकि नॉन-वेज थाली की कीमत में 5% की बढ़ोतरी हुई है। इसका मुख्य कारण सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी रही है।
01:53 PM Nov 07, 2024 IST | Ankita Pandey
वेज थाली की कीमतों में हुई बढ़ोतरी
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Veg Thali Price Hike: हाल ही आई एक रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि अक्टूबर महीने में वेज थाली की कीमतों में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही नॉन वेज थालियों की कीमत में भी मामूली 5% का इजाफा देखा गया है। रिपोर्ट में बताया गया हैे कि अक्टूबर के महीने में सब्जियों की कीमतों ने नॉन वेज और वेज थालियों की लागत बढ़ा दी है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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क्यों बढ़ें वेज थाली के दाम?

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट में बताया गया कि वेज और नॉन वेज थाली की कीमतों में बढ़ोतरी मुख्य कारण सब्जियों की बढ़ी हुई कीमतें हैं। जैसा की हम जानते हैं कि वेज थाली में सब्जियों की मात्रा ज्यादा होती है और इसकी लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा सब्जियों की कीमत का होता हैं।

क्यों बढ़ें सब्जियों के दाम?

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के रिसर्च डायरेक्टर पुशन शर्मा ने कहा कि टमाटर, आलू और प्याज की कीमतों में अलग-अलग कारणों से तेज बढ़ोतरी हुई है। सितंबर में बारिश के कारण खरीफ प्याज की पैदावार में देरी हुई थी। साथ त्योहारों के सीजन की मजबूत मांग के बीच टमाटर की फसल को भी नुकसान पहुंच। वहीं आलू के कोल्ड स्टोरेज स्टॉक में कमी के कारण इसकी कीमतों में तेजी आई।

अक्टूबर में प्याज की कीमत में 46 प्रतिशत और आलू की कीमत 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि नवंबर में टमाटर की कीमतें स्थिर हो जाएंगी। ऐसे में मंडियों में प्याज की कीमतों में भी कमी आनी चाहिए। हालांकि, आलू की कीमतों के कम होने में थोड़ा समय लग सकता है।

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नॉन वेज थाली

नॉन-वेज थाली की कीमतों में बढ़ोतरी

वेज थाली के साथ-साथ नॉन-वेज थाली की कीमत में भी 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, हालांकि वेज थाली के मुकाबले ये अंतर बहुत कम है, लेकिन काफी लंबे समय से इसकी कीमतें कम थी। बता दें कि ब्रॉयलर की कीमतों में सालाना आधार पर 9 प्रतिशत तक की गिरावट आई, जो कि लागत का 50 प्रतिशत है। इस कारण इसमें धीमी बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि सब्जियों की कीमतों में, बढ़ोतरी ने भी इसे प्रभावित किया है।

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