Hyundai IPO: लिस्टिंग पर मिलेगा बंपर रिटर्न या डूबेंगे पैसे? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
Hyundai IPO: हुंडई का आईपीओ 17 अक्टूबर को बंद हुआ, लेकिन इसे उम्मीद से कम रिस्पांस मिला है। यह आईपीओ करीब 28,000 करोड़ रुपये का था, जो भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। कंपनी की ब्रांड पहचान भारत में मजबूत है और यह देश की दूसरी सबसे बड़ी कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है। हुंडई के शेयर 22 अक्टूबर को स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने की उम्मीद है।
Hyundai IPO का GMP कितना है?
इस वक्त शेयर का ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) 1,903 रुपये है, जो 1,960 रुपये के इशू प्राइस से -3% कम है। यानी लिस्टिंग के दिन आपको लॉस हो सकता है। बावजूद इसके ज्यादातर ब्रोकरेज हाउस ने इस इश्यू को 'सब्सक्राइब' करने की सलाह दी थी। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि ग्रे मार्केट प्रीमियम केवल इस बात के इंडिकेटर हैं कि कंपनी के शेयर अनलिस्टेड मार्केट में किस तरह की स्थिति में हैं और तेजी से बदल सकते हैं।
कैसी है कंपनी की कंडीशन
बता दें कि भारतीय बाजार में कंपनी की मजबूत पकड़ है। हुंडई भारत में दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी है और एक्सपोर्ट में पहले नंबर पर आती है। कंपनी का 2025 में अपनी पहली इलेक्ट्रिक गाड़ी लॉन्च करने का प्लान है, जिससे उसे इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में भी फायदा हो सकता है।
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IPO की खास बातें
यह IPO केवल ऑफर फॉर सेल (OFS) था, यानी हुंडई को इसके पैसे से भारत में फायदा नहीं मिलेगा। यह रकम इनोवेशन और R&D पर खर्च की जाएगी, लेकिन इसका भारत में सीधा इस्तेमाल नहीं होगा।
वैल्यूएशन और चुनौतियां
कंपनी ने अपने शेयर्स की पूरी कीमत वसूली है, जिससे आगे बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। लिस्टिंग पर यह काफी हद तक बाजार की कंडीशन पर डिपेंड करेगा और मीडियम और लॉन्ग टर्म में ऑटो सेक्टर को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप आईपीओ में निवेश नहीं कर पाए हैं, तो लिस्टिंग के बाद इसमें इन्वेस्ट करना ज्यादा सही रहेगा।
(Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के लिए है। न्यूज24 शेयर खरीदने-बेचने या आईपीओ या म्यूचुअल फंड लेने के लिए रेकमेंड नहीं करता)