Whatsapp मैसेज आते ही पौधों में गिरने लगेगा पानी, 'जूनियर इंजीनियर' ने बनाई कमाल की डिवाइस
ITM GIDA Gorakhpur Student Made Water Pouring Device : इन दिनों जिस तरह से गर्मी पड़ रही है, पौधों को दिन में दो बार पानी देना पड़ रहा है। एक भी दिन पानी देना भूले तो पौधे सूखने लगते हैं। वहीं अभी बच्चों के स्कूल की छुट्टियां भी हैं। ऐसे में काफी लोग दूसरे शहर में घूमने जाने का भी प्लान बना रहे हैं। इस दौरान चिंता सताती है कि अगर बाहर गए तो पौधों को पानी कौन देगा? इसका सॉल्यूशन गोरखपुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (ITM) गीडा के स्टूडेंट ने तलाश लिया है। यहां के स्टूडेंट ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो मोबाइल के इशारों पर काम करती है और पौधों में पानी डालने की आपकी चिंता खत्म कर देगी।
क्या है यह डिवाइस
पौधों में पानी डालने में मदद करने वाली इस डिवाइस को 'मोबाइल वाटर सिस्टम' से तैयार किया है। इस डिवाइस को इस तरह तैयार किया गया है कि व्हाट्सऐप पर एक मैसेज करते ही गमले में पानी गिरने लगता है। इस डिवाइस का इस्तेमाल आप बालकनी में लगे गमलों, गार्डन आदि कहीं भी कर सकते हैं। इस डिवाइस को सिर्फ एंड्रॉइड बेस्ड फोन से ही कनेक्ट किया जा सकता है क्योंकि यह डिवाइस व्हॉट्सऐप पर मेसेज भेजने के बाद ही काम करती है। यहां व्हाट्ऐप पर मेसेज भेजने से मतलब पौधों को पानी के लिए कमांड देना है। मेसेज भेजते ही टैंक से पानी उस गमले में गिरना शुरू हो जाता है।
ऐसे करती है काम
इस डिवाइस को पानी के टैंक, मोटर (टुल्लू पंप), पाइप और गमलों से अटैच किया जाता है। सभी गमलों को इस प्रकार अचैट किया जाता है कि ये एक पाइप से जुड़े रहें। इसके बाद पाइप के एक सिरे को टुल्लू पंप से जोड़ दिया जाता है। इसका बिजली से कनेक्शन कर दिया जाता है। इस डिवाइस में एक सर्किट लगा है जो IoT इनेबल्ड है। ठीक उसी प्रकार जैसे आप अपने फोन के जरिए दुनिया के किसी भी कोने से घर में लगे एसी या किसी दूसरी डिवाइस को ऑन-ऑफ कर सकते हैं। यह वाई-फाई से कनेक्ट रहते हैं।
50 से ज्यादा गमले कर सकते हैं कनेक्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक डिवाइस से आप 50 से ज्यादा गमले कनेक्ट कर सकते हैं। हर गमले को एक नाम देना होगा और उसे एक अलग पाइप से जोड़ना होगा। जिस गमले को पानी देना होगा, उसे जो नाम दिया है उस नाम पर व्हाट्सऐप मेसेज भेजना होगा। इसके बाद मोटर चालू हो जाएगी और टैंक से पानी निकलकर उस गमले में गिर जाएगा। इस प्रोजेक्ट को बनाने वाले स्टूडेंट अंशित श्रीवास्तव के मुताबिक इस डिवाइस के जरिए गमले में गिरने वाले पानी की मात्रा भी निर्धारित कर सकते हैं। मान लीजिए, किसी गमले को मात्र 250ml (एक गिलास) पानी की जरूरत है तो डिवाइस में उस गमले के लिए 250ml की मात्रा निर्धारित कर सकते हैं। जब उसे पानी दिया जाएगा तो टैंक से मात्र 250ml पानी ही उस गमले में गिरेगा।
2 हजार रुपये का आया खर्च
अंशित के मुताबिक इस डिवाइस को बनाने में 2 हजार रुपये का खर्च आया है। वहीं इसे बनाने में 12 दिन लगे। ITM गीडा गोरखपुर के संस्थापक निदेशक डॉक्टर एनके सिंह ने इस डिवाइस और स्टूडेंट की तारीफ की है। क्या इस डिवाइस को मार्केट में लाया जाएगा, इस बारे में अंशित ने बताया कि अभी इसकी टेक्निक में कुछ सुधार करने हैं। इसके बाद ही इसे मार्केट में उतारा जाएगा।