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Amazon के सुपरहिट होने के पीछे 3 अनोखे नियम, फाउंडर जेफ बेजोस के रूल मानने जरूरी

Jeff Bezos: व्यवसाय और प्रबंधन की दुनिया में सबसे प्रसिद्ध हस्तियों में से एक अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस हैं। उन्होंने कई ऐसे नियम बनाए हैं जो शायद ही कोई और बनाता है। उनकी मीटिंग में एक कुर्सी हमेशा खाली रहती है। जानिए इसके पीछे की वजह क्या है?
07:57 AM Sep 21, 2024 IST | Shabnaz
amazon के सुपरहिट होने के पीछे 3 अनोखे नियम  फाउंडर जेफ बेजोस के रूल मानने जरूरी

Jeff Bezos: अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस को उनकी सफलता के अलावा उनके अनोखे नियमों के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कंपनी की तरक्की के लिए कई नियम बनाए हैं। इसमें पहला है दो पिज्जा का नियम, दूसरा है एक खाली कुर्सी का नियम। इन नियमों का मकसद कार्यशैली को बेहतर बनाकर आगे बढ़ना है। वन एम्प्टी चेयर रूल ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए रखा गया है। इसका मतलब है कि कंपनी जो भी फैसला लेती है उसमें ग्राहकों के हित का सबसे पहले सोचा जाता है।

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वन एम्प्टी चेयर रूल

अमेजन ने अपने ग्राहकों का भरोसा बनाए रखने के लिए अनोखे नियम बनाए हैं। इसमें वन एम्प्टी चेयर रूल का जिक्र होता है। जेफ बेजोस कोई भी मीटिंग करते हैं तो उसमें एक कुर्सी खाली रखी जाती है। भले ही इस कुर्सी पर बैठने वाला कोई ना हो लेकिन मीटिंग में लिए गए फैसले में उस कुर्सी की पूरी हिस्सेदारी रहती है। इस नियम का उद्देश्य है कि जो भी फैसला हो उसमें ग्राहकों का पूरा ध्यान रखा जाए। ये ग्राहक सबसे पहले के सिद्धांत को दर्शाता है।

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क्या है दो पिज्जा नियम?

अमेजन की तरक्की के लिए दो-पिज्जा टीम नियम भी रखा गया है। आमतौर पर देखा जाता है कोई भी मीटिंग हो उसमें पूरी टीम शामिल होती है। इसकी वजह से बहुत समय खर्च होता है। इसी समय को बचाने के लिए जेफ बेजोस ने दो-पिज्जा टीम नियम बनाया है। इस नियम के मुताबिक वो लोग मीटिंग में शामिल होते हैं जो जिनके हिस्से में उन दो पिज्जा में से पीस आता है।  इसमें 6 से 8 लोग ही शामिल हो पाते हैं। इसका फायदा ये होता है कि जितने कम लोग होते हैं मीटिंग के बाद फैसला लेने में उतनी आसानी होती है।

पावरपॉइंट पर पाबंदी

इसके अलावा, बेजोस ने बैठकों में पावरपॉइंट पर पाबंदी लगाई हुई है। मीटिंग में जिसको अपना आइडिया देना होता है वो नैरेटिव मेमो लिखकर लाता है। इसमें विस्तारपूर्वक अपनी बात को समझाया जाता है। ये 6 पेज तक के हो सकते हैं। पॉइंटर्स में आधी अधूरी बात ही समझ आ पाती है, इसके लिए नैरेटिव मेमो का नियम बनाया गया है। मीटिंग में कम लोग होते हैं जिससे सभी के पास अपनी बात कहने के लिए पर्याप्त समय होता है।

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