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मोदी सरकार के 10 साल vs कांग्रेस सरकार के 10 साल, जानें किसने-किस सेक्टर में कितनी नौकरियां निकालीं?

Modi Govt vs UPA Govt: केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया है कि मोदी सरकार के 10 साल और UPA सरकार के 10 साल में सबसे ज्यादा नौकरियां दोनों में से किसने दी? उन्होंने मीडियो से बात करते हुए कुछ आंकड़े शेयर किए हैं।
02:24 PM Jan 03, 2025 IST | Khushbu Goyal
Modi Govt vs UPA Govt
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Modi Govt UPA Govt Job Creation Figures: भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने 10 साल में देशभर के युवाओं के लिए 17.19 करोड़ नौकरियां पैदा कीं, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA गठबंधन की सरकार ने 2.9 करोड़ नौकरियां पैदा की थीं। यह जानकारी केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने दी।

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साल 2004-2014 के बीच कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के आंकड़ों की तुलना करते हुए मंत्री मंडाविया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि UPA के कार्यकाल में भारत में रोजगार के क्षेत्र में केवल 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2.9 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां पैदा हुईं। वहीं मोदी सरकार के कार्यकाल में साल 2014 से 2024 के बीच 17.19 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं।

पिछले साल 2024 में देश में करीब 4.6 करोड़ नौकरियां थीं। देश में रोजगार का प्रतिशत साल 2014-15 में 47.15 करोड़ था, जेा साल 2023-24 में 36 प्रतिशत बढ़कर 64.33 करोड़ हो गया है। यह आंकड़े NDA के राज में देश में बढ़ते रोजगार को दर्शाते हैं।

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किसने-किस सेक्टर में कितनी नौकरियां दी?

मंत्री मंडाविया ने बताया कि मोदी के कार्यकाल में 2014 से 2023 के बीच कृषि क्षेत्र में रोजगार 19 प्रतिशत बढ़ा, लेकिन UPA के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच रोजगार में 16 प्रतिशत की गिरावट आई। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मोदी के कार्यकाल में 2014 से 2023 के बीच रोजगार में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि UPA के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच रोजगार में मात्र 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सर्विस सेक्टर में मोदी के कार्यकाल के दौरान 2014-2023 के बीच रोजगार में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि UPA कार्यकाल के दौरान 2004 से 2014 के बीच 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

मंत्री मंडाविया ने यह जानकारियां भी दीं

मनसुख मंडाविया ने कहा कि बेरोजगारी दर (UR) 2017-18 में 6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो जाएगी, जबकि रोजगार दर (WPR) 2017-18 में 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 58.2 प्रतिशत हो जाएगी। श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 2017-18 में 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 60.1 प्रतिशत हो जाएगी। मंत्री मंडाविया ने यह भी बताया कि पिछले 7 वर्षों में (सितंबर 2017-सितंबर 2024 के बीच) 4.7 करोड़ से अधिक युवा (आयु 18-28 वर्ष) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में शामिल हुए हैं।

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