Petrol Pump पर मोटा फायदा कराएंगी दो ट्रिक, 90% चालक नहीं जानते होंगे दूसरे वाली
Petrol-Diesel Quality Check: दिन भर में लाखों लोग अपनी गाड़ियों से यात्रा करते हैं। इस दौरान वो पेट्रोल भरवाने के लिए पेट्रोल पंप पर जाते हैं। ज्यादातर लोगों की नजर सिर्फ और सिर्फ मीटर में दिख रहे जीरो पर होती है। इसके बाद पेट्रोल डीजल भरते वक्त वहां पर नंबर्स चलते दिखते हैं। इन नंबर्स को देखकर ही आप मुतमईन हो जाते हैं कि पूरा पेट्रोल भरवा लिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा भी मीटर में एक जगह पर नजर रखनी होती है?
आमतौर पर जब गाड़ी में पेट्रोल भरवाने के लिए जाते हैं, तब मीटर में जीरो चेक करने को कहा जाता है। जिसको देखकर आप सोच लेते हैं कि आपको सही से पेट्रोल मिल गया है। लेकिन ये बात यहीं तक सीमित नहीं है। पेट्रोल पंप के मीटर में पैसे और लीटर के अलावा भी एक और जगह पर ध्यान देना होता है।
ये भी पढ़ें... हाइवे किनारे लगे पत्थर अलग-अलग रंग के क्यों? क्या संकेत देता है काला-पीला, ऑरेज कलर
तेल की शुद्धता की कैसे करें जांच?
मीटर में हम जिस जगह पर ध्यान देने की बात कर रहे हैं वो तेल की शुद्धता से जुड़ा है। अगर इसमें हेर पेर हुआ तो आपको चपत लग सकती है। कितने का तेल भरा गया, और कितने लीटर भरा ये तो सभी जगह पर दिखाया जाता है। लेकिन इसके अलावा आपको इसी मशीन में स्क्रीन पर डेंसिटी भी दिखाई देगी। इसे साफ लफ्जों में कहें तो इससे ईंधन की क्वालिटी यानी शुद्धता का पता चलता है। बाकी चीजों के साथ आपको इसपर भी ध्यान देना चाहिए।
अब सवाल ये उठता है कि इसमें छेड़छाड़ कैसे की जाती है? आपको बता दें कि किसी भी किसी पदार्थ के गाढ़ेपन उसकी डेंसिटी कहा जा सकता है। कई बार ऐसा होता है कि इसमें मिलावट कर दी जाती है। मीटर में शुद्धता के आंकड़ों को सेट किया जाता है। इसमें आप देख सकते हैं कि अगर तय आंकड़ों के मुताबिक नंबर नहीं हैं तो वो मिलावटी तेल होता है। पेट्रोल की डेंसिटी की बात करें तो ये 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होती है। वहीं, डीजल की करें तो इसके लिए डेंसिटी 830 से 900 किलोग्राम प्रति क्लूबिक मीटर तय की गई है।
बस आपको इस दौरान मीटर के अलावा इस पर भी ध्यान देना है। अगर तय नंबर्स के हिसाब से उसमें नंबर्स नहीं दिखते हैं तो उसको पकड़कर आप शुद्धता को लेकर शिकायत कर सकते हैं।
ये भी पढ़ें... सरकार ने बदले टोल के नियम! 20 किमी तक Toll Tax नहीं, पढ़िए क्या हुए बदलाव?