Poonawalla Fincorp से सनसनीखेज खबर, CTO का इस्तीफा, पढ़ें पूरा Resignation Letter
Poonawalla Fincorp: पूनावाला फिनकॉर्प लिमिटेड (Poonawalla Fincorp) के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) धीरज सक्सेना ने कंपनी के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (CHRO) पर उत्पीडन सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। धीरज ने 3 दिसंबर को रिजाइन कर दिया था, लेकिन यह खबर अब सामने आ पाई है। धीरज सक्सेना ने अपने रेजिग्नेशन लेटर में CHRO पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कंपनी ने साधी चुप्पी
पूनावाला फिनकॉर्प ने आरोपों पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया जारी नहीं की है, लेकिन उसने रेगुलेटरी फाइलिंग में धीरज सक्सेना के इस्तीफे के बारे में बताया है। पूनावाला फिनकॉर्प नॉन-बैंकिंग सेक्टर की एक दिग्गज कंपनी है, उसके चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर का यूं उत्पीड़न का आरोप लगाकर इस्तीफा देना कंपनी की इमेज के लिए अच्छा नहीं है।
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टॉप मैनेजमेंट में बदलाव
अपने रेजिग्नेशन लेटर में सक्सेना ने चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (CHRO) के व्यवहार पर गंभीर चिंता जताए हुए उत्पीड़न और अनुचित हस्तक्षेप का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि CHRO के व्यवहार के चलते कंपनी के आईटी फंक्शन को प्रभावी ढंग से मैनेज करने की उनकी क्षमता प्रभावित हुई। बता दें कि कंपनी के टॉप मैनेजमेंट में हाल ही में बदलाव हुए हैं। अरविंद कपिल को इसी साल जून में कंपनी का MD और CEO नियुक्त किया गया है। वहीं, हरीश कुमार ने जुलाई में CHRO की कुर्सी संभाली है।
क्या लिखा है धीरज ने?
धीरज सक्सेना ने कंपनी के MD को भेजे अपने त्याग पत्र में लिखा है - 'मैं CHRO के उत्पीड़न और अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर के पद से इस्तीफा दे रहा हूं, जिससे आईटी फंक्शन को प्रभावी और कुशलतापूर्वक मैनेज करने की मेरी क्षमता प्रभावित हुई है। साथ ही इससे टीम में अशांति पैदा हो रही है और आईटी डिलीवरी प्रभावित हो रही है। मैंने सहयोग करने की पूरी कोशिश की है, लेकिन ऐसा लगता है कि दूसरे पक्ष का इरादा ऐसा नहीं है'।
2021 में बदला था नाम
पूनावाला फ़िनकॉर्प लिमिटेड को पहले मैग्मा फ़िनकॉर्प लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। अदार पूनावाला की कंपनी राइजिंग सन होल्डिंग्स ने मैग्मा फिनकॉर्प में 60% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। इसके बाद 2021 में रीब्रांडिंग के तहत कंपनी का नाम बदलकर पूनावाला फ़िनकॉर्प लिमिटेड रखा गया। राइजिंग सन होल्डिंग्स ने करीब 3,456 करोड़ रुपए में यह डील फाइनल की थी।