रतन टाटा की बहनों से मिलिए, दोनों पूरी करेंगी बिजनेस टायकून भाई की आखिरी इच्छा, जानें कौन?
Rata Tata Sister Deanna Jejeebhoy: बिजनेस टायकून रतन टाटा आज हमारे बीच नहीं हैं। गत 9 अक्टूबर को 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। देश-दुनियाभर में उनके निधन पर दिग्गज हस्तियों ने शोक जताया। वहीं रतन टाटा इंटरनेट की दुनिया ट्रेंड पर रहे। कई दिन उनकी और उनकी परिवार की खूब चर्चा हुई। वहीं रतन टाटा ग्रुप के दोनों ट्रस्ट का चेयरमैन उनकी जगह उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को चेयरमैन बना दिया गया।
नोएल टाटा के अलावा उनके अपने छोटे भाई जिमी टाटा भी सुर्खियों में रहे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी 2 बहनें भी भी हैं। रतन टाटा के अपने भाई-बहनों से काफी अच्छे संबंध थे, यही वजह है कि उन्होंने अपनी एक बहन को अपनी वसीयत में अपनी आखिरी इच्छाओं को पूरी करने के लिए जिम्मेदार शख्स भी बनाया तो आइए जानते हैं रतन टाटा की दोनों बहनों के बारे में और दोनों को भाई की कौन-सी आखिरी इच्छा पूरी करने का मौका मिला है?
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कौन हैं रतन टाटा की सौतेली बहनें?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा की 2 सौतेली बहनें हैं। उनके नाम शिरीन जीजीभॉय और डीना जीजीभॉय हैं। यह दोनों रतन टाटा की मां सूनू टाटा की बेटियां हैं, जो सर जमशेदजी जीजीभॉय से पैदा हुई थीं। दोनों बहनें बिजनेस की दुनिया से दूर रहती हैं और उन्होंने अपना जीवन समाज सेवा को समर्पित किया हुआ है। इनमें से डीनना को रतन टाटा ने अपनी एक आखिरी इच्छा पूरी करने की जिम्मेदारी मिली है।
रतन टाटा अपनी कुल संपत्ति का हिस्सा धर्मार्थ कार्यों में लगाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने दोनों बहनों को जिम्मेदारी सौंपी है कि वे उनके धर्मार्थ कार्यों को उसी तरह चलाए रखें, जैसे वे चल रहे थे। डीनना यह सुनिश्चित करेंगी कि पहले की तरह प्रॉपर्टी का कुछ हिस्सा समाज सेवा के कार्यों में खर्च होता रहे। डीनना और शिरीन के अलावा वकील डेरियस खंबाटा और मेहली मिस्त्री को भी रतन टाटा ने अपनी वसीयत में अपनी इच्छाओं को पूरी करने के लिए जिम्मेदार शख्स बनाया है।
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डीनना कई NGO की एक्टिव मेंबर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा की दोनों बहनें शिरीन और डीनना समाज सेवा के कार्यों में मस्त रहती हैं और इन सेक्टर में रतन टाटा की सहयोगी रही हैं। डीनना 1990 और 2000 के दशक में रतन टाटा ट्रस्ट की मेंबर रह चुकी हैं। डीनना 40 साल से बेसहारा लोगों, बुजुर्गों और विकलांगों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
डीनना ने डाउन सिंड्रोम, ऑटिज्म से पीड़ित लोगों के लिए काम करने वालों की मदद की है। डीनना द एंकरेज की एक्टिव मेंबर हैं, विकलांग वयस्कों की मदद करने वाला संगठन है। लेडी मेहरबाई टाटा एजुकेशन ट्रस्ट की वे सदस्य हैं, जो ग्रेजुएट महिलाओं को फॉरेन एजुकेशन लेने में मदद करता है। वर्तमान में डीनना बॉम्बे की डिस्ट्रिक्ट बेनेवोलेंट सोसाइटी की ट्रस्टी हैं, जो बेसहारा बुजुर्गों के लिए काम करती है।
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