Ratan Tata का 165 करोड़ का आखिरी प्रोजेक्ट क्या? जाते-जाते कर गए एक और नेक काम
Ratan Tata Last Project: टाटा ग्रुप के मालिक रतन टाटा ने 9 अक्टूबर को आखिरी सांस ली थी। हालांकि निधन से पहले उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था। यह प्रोजेक्ट जुलाई में बनकर पूरा हो गया था। हालांकि कुछ ही दिनों बाद रतन टाटा ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। आखिर क्या है वो प्रोजेक्ट? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में...
रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट
दरअसल रतन टाटा का आखिरी ड्रीम प्रोजेक्ट जानवरों का अस्पताल था। 1 जुलाई को इसका उद्घाटन हुआ था। दक्षिणी मुंबई के महालक्ष्मी इलाके में स्थित इस अस्पताल का नाम स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल (Small Animal Hospital) है। 98,000 स्क्वायर फीट बने इस अस्पताल में 24*7 इमरजेंसी केयर, ICUs और HDUs जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।
The Tata Trusts Small Animal Hospital is now open to the public moving from its trial phase to phase one. We are excited to bring in this new day for veterinary care marking Care. Cure. Comfort.
Appointment/emergency help is available at +912231053105 or on WhatsApp via website pic.twitter.com/ClULQP2pln
— Small Animal Hospital Mumbai (@SAHMumbai) July 1, 2024
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2017 में शुरू हुआ था काम
रतन टाटा नवी मुंबई में इस अस्पताल को बनवाना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसके लिए दक्षिणी मुंबई चुनी। यह अस्पताल मुंबई की खास लोकेशन पर मौजूद हैं, जहां पेट लवर्स अपने जानवरों के साथ आसानी से पहुंच सकते हैं। बता दें कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2017 में ही हो चुकी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण प्रोजेक्ट का काम रोक दिया गया था। अप्रैल 2024 में यह अस्पताल बनकर खड़ा हुआ और 1 जुलाई को इसे जानवरों के लिए खोल दिया गया था।
165 करोड़ का बजट
रतन टाटा के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की लागत 165 करोड़ रुपये बताई जा रही है। रतन टाटा के करीबी कहे जाने वाले शांतनु नायडू का नाम अस्पताल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की फेहरिस्त में शुमार है। शांतनु ने मोटोपॉवज के नाम से एक स्टार्टअप की भी शुरुआत की है, जिसमें कुत्तों के लिए सुरक्षित और आरामदायक कॉलर बनाए जाते हैं।
Big things are coming 🐶🐱 pic.twitter.com/x9VEmzk9oz
— Small Animal Hospital Mumbai (@SAHMumbai) February 8, 2024
रतन टाटा ने बताई थी वजह
SAH अस्पताल रतन टाटा के दिल में खास जगह रखता था। अस्पताल की नींव रखने से पहले उन्होंने इससे जुड़ा एक इमोशनल किस्सा साझा किया था। मेरे एक पालतू कुत्ते का ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट होना था। मगर मैं बहुत लेट हो गया और उसके ज्वॉइंट्स को उसी पोजिशन में फिट कर दिया गया। उसके बाद मुझे पता चला कि वर्ल्ड क्लास जानवरों का अस्पताल कैसा होना चाहिए। जानवर भी परिवार का अहम हिस्सा होते हैं। आंकड़ों की मानें तो जुलाई से अब तक रतन टाटा के इस अस्पताल में 3000 से ज्यादा जानवरों का इलाज हो चुका है।
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