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RBI MPC मीटिंग : चुनावी नतीजों के बाद भी नहीं म‍िली राहत, Home Loan की EMI में नहीं हुआ बदलाव

RBI MPC Meeting : शुक्रवार को रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह अभी 6.5 फीसदी पर ही बरकरार है। लोगों को उम्मीद थी कि महंगाई के बीच रेपो रेट में कमी आ सकती है जिससे आम लोगों को लोन की EMI से राहत मिलेगी।
10:26 AM Jun 07, 2024 IST | Rajesh Bharti
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RBI MPC Meeting : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में बड़ा फैसला लिया। चुनावी नतीजों के बाद भी आम लोगों को लोन की EMI में कोई राहत नहीं मिली है। इस बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 6.5 फीसदी पर ही बरकरार है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने MPC की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा की। रेपो रेट में फरवरी 2023 से कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसमें कोई बदलाव न होने से Home Loan समेत दूसरे तरह के लोन की EMI में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आम लोगों को लगा था कि महंगाई से राहत देने के लिए रिजर्व बैंक रेपो रेट में कमी कर सकता है। हालांकि जानकारों का मानना था कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। वहीं दूसरी ओर यूरोपीय सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ कनाडा ने रेपो रेट में कटौती शुरू कर दी है। अमेरिका के सेंट्रल बैंक की भी बैठक होनी है जिसमें वह बैंक भी ब्याज दरों पर फैसला लेगा।

अभी राहत की उम्मीद नहीं

रेपो रेट में अभी राहत की उम्मीद नहीं है। दरअसल, अभी महंगाई दर सरकार के तय दायरे से ज्यादा है। अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 4.83 फीसदी थी। सरकार ने र‍िजर्व बैंक को महंगाई दर को 2 से 4 फीसदी के बीच लाने का लक्ष्‍य द‍िया है। ऐसे में जब तक महंगाई दर इस दायरे में नहीं आती, तब तक रेपो रेट में कटौती की उम्मीद कम है। MPC की अगली बैठक सितंबर के पहले हफ्ते में होगी। ऐसे में माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक उस समय रेपो रेट में कुछ कटौती कर सकता है।

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क्‍या है रेपो रेट और आम आदमी पर क्या पड़ता है असर

रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों को जिस दर पर लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है। रेपो रेट बढ़ने का मतलब है क‍ि बैंकों को रिजर्व बैंक से महंगे रेट पर लोन मिलेगा। जब बैंकों को महंगा लोन मिलेगा तो बैंक ग्राहकों को होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आद‍ि महंगी ब्याज दर पर देंगे जिससे लोन लेने वालों पर EMI का बोझ बढ़ेगा।

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