टर्म इंश्योरेंस ले रहे हैं तो इस बारे में जरूर जान लें, थोड़ा सा लालच पड़ सकता है घाटे का सौदा
What Is Return Of Premium Option In Term Insurance : देश में इन दिनों टर्म इंश्योरेंस की डिमांड बढ़ती जा रही है। कोरोना के बाद टर्म इंश्योरेंस की अहमियत लोगों को समझ आ गई है। किसी भी शख्स की जिंदगी का कुछ नहीं पता। कोई अनहोनी होने पर टर्म इंश्योरेंस काफी काम आता है। टर्म इंश्योरेंस लेने वाले शख्स की मृत्यु होने पर इंश्योरेंस का फायदा परिवार को मिलता है। परिवार के सदस्य (नॉमिनी) को इंश्योरेंस में कवर रकम मिल जाती है ताकि आगे की जिंदगी बेहतर रह सके। टर्म इंश्योरेंस में काफी लोग ऐसा प्लान चुनते हैं जिसमें समय पूरा होने पर अगर इसका क्लैम नहीं किया जाता है तो प्रीमियम की पूरी रकम वापस मिल जाती है। इसे रिटर्न ऑफ प्रीमियम इंश्योरेंस कहा जाता है। इस प्रकार के टर्म इंश्योरेंस को लेने से मना किया जाता है।
पहले जानें क्या है टर्म इंश्योरेंस
इसे जीवन बीमा भी कह देते हैं। कोई भी शख्स इसे ले सकता है। इसका उद्देश्य इंश्योरेंस लेने वाले शख्स की मृत्यु के बाद परिवार के लोगों को आर्थिक रूप में मजबूत बनाए रखना है। शख्स जरूरत के हिसाब से 50 लाख, एक करोड़ या इससे ज्यादा की रकम का टर्म इंश्योरेंस ले सकता है। इसका एक प्रीमियम होता है जो हर महीने देना चुकाना होता है। टर्म इंश्योरेंस कितने रुपये का लेना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कर्ज कितना है और परिवार के लोगों की आर्थिक निर्भरता कितनी है आदि।
क्या है रिटर्न ऑफ प्रीमियम इंश्योरेंस
मान लीजिए कि आपने 30 साल की मैच्योरिटी के लिए एक करोड़ रुपये के कवर वाला टर्म इंश्योरेंस लिया। इसका मंथली प्रीमियम 1000 रुपये है। ऐसे में आपको 30 साल तक 1000 रुपये महीने के हिसाब से 3.60 लाख रुपये चुकाने होंगे। यह स्थिति साधारण टर्म इंश्योरेंस के लिए है। वहीं अगर आप रिटर्न ऑफ प्रीमियम इंश्योरेंस का विकल्प चुनते हैं तो आप जो भी प्रीमियम जमा करेंगे, वह रकम मैच्योरिटी के बाद वापस मिल जाती है। लेकिन इस विकल्प को चुनने के बाद प्रीमियम की रकम बढ़ जाती है। वहीं साधारण टर्म इंश्योरेंस में मैच्योरिटी के बाद कुछ भी रकम नहीं मिलती।
Term insurance cover: Your current yearly income x remaining no of years upto ur retirement age + inflation + net liabilities = your required term insurance cover value so that in case of death, your family not loses that economic value which you will earn till retirement… https://t.co/Mq9bNsUyzC
— Basant Baheti (@BasantBaheti3) May 30, 2024
क्यों है रिटर्न ऑफ प्रीमियम इंश्योरेंस घाटे का सौदा
साधारण टर्म इंश्योरेंस में जहां जमा किया गया प्रीमियम वापस नहीं मिलता तो वहीं रिटर्न ऑफ प्रीमियम टर्म इंश्योरेंस में जमा किया गया प्रीमियम वापस मिल जाता है। यही कारण है कि लोगों को साधारण टर्म इंश्योरेंस लेने की अपेक्षा रिटर्न ऑफ प्रीमियम टर्म इंश्योरेंस लेना ज्यादा सही लगता है। हालांकि इसका प्रीमियम साधारण टर्म इंश्योरेंस के मुकाबले दोगुना या तीन गुना तक होता है। फायदा दोनों का एक जैसा है कि इंश्योरेंस लेने वाले की मृत्यु के बाद इंश्योरेंस की रकम परिवार के सदस्य (नॉमिनी) को मिल जाती है। अब यह घाटे का सौदा क्यों है, इसे ऐसे समझें:
- मान लीजिए कि कोई शख्स 30 साल के लिए एक करोड़ रुपये का टर्म इंश्योरेंस लेना चाहता है। किसी कंपनी का साधारण टर्म इंश्योरेंस में प्रीमियम 12,000 रुपये सालाना और रिटर्न ऑफ प्रीमियम टर्म इंश्योरेंस में 30 हजार रुपये है।
- इस हिसाब से साधारण टर्म इंश्योरेंस में 30 साल तक कुल 3.60 लाख रुपये देने होंगे तो वहीं रिटर्न ऑफ प्रीमियम टर्म इंश्योरेंस में कुल 9 लाख रुपये देने होंगे।
- ऐसे में आपको हर साल साधारण टर्म इंश्योरेंस के मुकाबले 18 हजार रुपये (1500 रुपये प्रति महीने) अतिरिक्त देने होंगे। इसे ऐसे समझा जाए कि 1500 रुपये महीने जमा करके आपको 9 लाख रुपये मिले।
- अगर आप साधारण टर्म इंश्योरेंस लें और 1500 रुपये हर महीने SIP में निवेश करें तो 30 साल बाद आपको करीब 53 लाख रुपये मिलेंगे। यह तब है जब सालाना रिटर्न 12 फीसदी की ब्याज दर से हो।
- आप देख सकते हैं कि अगर आप रिटर्न ऑफ प्रीमियम का ऑप्शन चुनते हैं तो आपको 30 साल बाद मात्र 9 लाख रुपये मिलेंगे। वहीं अगर आप साधारण टर्म इंश्योरेंस चुनते हैं और अतिरिक्त रकम SIP में निवेश करते हैं तो आपको 30 साल बाद 53 लाख रुपये मिल जाएंगे। ऐसे में रिटर्न ऑफ प्रीमियम टर्म इंश्योरेंस का ऑप्शन चुनना सही नहीं है।
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