Share Market से जुड़ा बड़ा अपडेट, SEBI ने किया कई नियमों में बदलाव
SEBI Board Stock Market: आजकल लोग शेयर मार्केट में पैसा लगाने की सोचते तो जरूर हैं लेकिन उन्हें रिस्क का काफी डर होता है। शेयर बेचने और खरीदने की लोगों को ज्यादा समझ नहीं होती, जिस वजह से अक्सर उनका पैसा डूब जाता है। ऐसे में, मार्केट रेगुलेटर सेबी ने बिजनेस को आसान और बेहतर बनाने में कई उपायों को मंजूरी दे दी है।
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अपनी बोर्ड मीटिंग में इन उपायों को मंजूरी दी है। इसमें FPI और IPO के जरिये पैसा जुटाने वाली कंपनियों से जुड़े नियम भी शामिल हैं।
सेबी ने कहा कि 25 कंपनियों के शेयरों के साथ ट्रेडिंग के दिन निपटान (T+0) प्रणाली का बीटा वर्जन लॉन्च करने को भी मंजूरी दी गई है। आगे कहा गया कि बीटा वर्जन के यूजर्स सहित सभी के हित और परामर्श को ध्यान में रखेगा। T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन (T+0 Beta Version) लॉन्च होने के बाद इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स को शेयर बेचते ही पूरा पैसा मिल जाएगा।
SEBI relaxes certain disclosure norms for foreign portfolio investors
Read @ANI Story | https://t.co/vo8NaOdvD1#SEBI #StockSettlement #FPI #ForeignPortfolioInvestors #IndiaStockMarket pic.twitter.com/HawIB4Vu70
— ANI Digital (@ani_digital) March 16, 2024
पहले लॉन्च किया गया था T+0 सेटलमेंट
आपको बता दें कि सेबी ने इससे पहले T+1 सेटलमेंट लॉन्च किया था। यह सिस्टम 2021 में लॉन्च किया गया था और यह कई स्टेप्स में लागू हुआ था। इसका आखिरी चरण जनवरी 2023 में पूरा किया गया था। T+0 सेटलमेंट अब T+1 सिस्टम के साथ एक ऑप्शन के रूप में उपलब्ध करवाया जाएगा। सेबी के इस नए नियम के आने से बाजार में तरलता बढ़ सकती है और जोखिम भी कम हो सकता है।
विदेशी इन्वेस्टर्स के लिए भी छूट
सेबी ने ट्रेड करने में आसानी लाने के लिए FPI के लिए भी कई तरह की छूट की मंजूरी दी है। इसके द्वारा विदेशी इन्वेस्टर्स को पहले से दी जा चुकी जानकारी में अहम बदलाव को लेकर खुलासा करने की समयसीमा में ढील दी गई है। सेबी द्वारा कहा गया कि ट्रेडिंग में आसानी के लिए बोर्ड ने FPI की तरफ से अहम बदलावों का खुलासा किए जाने के लिए समय सीमा में छूट देने के प्रस्ताव को मान लिया है।
यह भी पढ़ें: Holi Special Trains की लिस्ट हुई जारी, नोट कर लें 17 ट्रेनों की तारीख, रूट और टाइम
विदेशी निवेशकों को दो कैटेगरी में छूट
सेबी ने कहा कि एफपीआई (FPI) के बदलाव को दो कैटेगरी में बांटा गया है और वो टाइप I और टाइप II हैं। टाइप I के मटेरियल चेंजेज के बारे में FPI को अपने डीडीपी को 7 वर्किंग डे के बीच में बताना होगा। वहीं, अब FPI के किसी बदलाव के बारे में बताने और उससे जुड़े डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए 30 दिन की मोहलत दी जाएगी। टाइप 2 में विदेशी इन्वेस्टर्स को किसी बदलाव के बारे में बताने और उससे जुड़े डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए 30 दिनों का समय दिया जाएगा। आपको बता दें कि अभी एफपीआई को अपने डीडीपी को पहले दी गई जानकारी में अहम बदलावों का खुलासा सात वर्किंग डे के अंदर करना होता है।