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अपना बिजनेस करने वाले युवाओं के लिए खबर! Manufacturing Sector में बेहतरीन अवसर, जानें कैसे और क्यों?

Self-Employment in Manufacturing Sector: क्या आप जानते हैं कि इन दिनों मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में स्व-रोजगार तेजी से बढ़ रहा है। लोग ‘Be Your Boss’ मोमेंट को अपना रहे हैं। चलिए इसके बारे में जानें...
12:33 PM Oct 06, 2024 IST | Sameer Saini
अपना बिजनेस करने वाले युवाओं के लिए खबर  manufacturing sector में बेहतरीन अवसर  जानें कैसे और क्यों

Self-Employment in Manufacturing Sector Data: भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में स्व-रोजगार तेजी से बढ़ रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस क्षेत्र में लगभग आधे कर्मचारी अब खुद का बिजनेस कर रहे हैं। यह वृद्धि मुख्य रूप से स्टार्टअप्स के बढ़ते प्रभाव के कारण हुई है और 48% कर्मचारियों ने अपना रोजगार शुरू कर लिया है, क्योंकि स्टार्टअप्स के बढ़ने से युवाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा मिला है।

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अन्य क्षेत्रों में भी वृद्धि

कृषि, व्यापार और परिवहन जैसे अन्य क्षेत्रों में भी स्व-रोजगार को बढ़ावा मिल रहा है। विनिर्माण क्षेत्र में महिलाएं भी स्व-रोजगार में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। विनिर्माण क्षेत्र में महिलाओं का बड़ा प्रतिशत (77.8%) स्व-रोजगार में है। सबनवीस ने बताया कि कई महिलाओं ने नए व्यवसाय शुरू किए हैं और वे आज घर से काम कर रही हैं।

क्या है कारण?

नौकरियों की कमी: नौकरियों की कमी के कारण लोग स्वयं का बिजनेस शुरू कर रहे हैं।
लचीले आय स्रोत: स्व-रोजगार लचीले आय स्रोत प्रदान करता है।
राइड-हेलिंग सेवाओं का विस्तार: राइड-हेलिंग सेवाओं ने परिवहन क्षेत्र में स्व-रोजगार को बढ़ावा दिया है।

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दो प्रकार के स्व-रोजगार

  • Own Account Employees: अधिकतर स्व-रोजगार करने वाले लोग इस श्रेणी में आते हैं।
  • Employers and Assistants in Household Enterprises: कुछ लोग घरेलू उद्यमों में काम करते हैं।

Self-Employment in Manufacturing Sector Data

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बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि भारत में स्टार्टअप्स के बढ़ने से यह वृद्धि हुई है। कृषि, व्यापार, परिवहन, आवास तथा फूड सर्विस जैसे अन्य क्षेत्रों में भी स्व-रोजगार करने वालों की संख्या ज्यादा है। कृषि क्षेत्र में स्व-रोजगार सबसे ज्यादा है।

परिवहन क्षेत्र में स्व-रोजगार बढ़ने का एक कारण राइड-हेलिंग सेवाओं (जैसे टैक्सी सेवाओं) का विस्तार हो सकता है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक पारस जसराय ने बताया कि स्व-रोजगार में वृद्धि अनौपचारिक काम की ओर बढ़ते रुझान को दर्शाती है, जिसने शायद नौकरियों की कमी और लचीले आय स्रोतों की आवश्यकता ने बढ़ावा दिया है।

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