Silver पर Hallmarking से हर सौदा बनेगा खरा, जानें आपको कैसे मिलेगा फायदा
Silver Hallmarking: जब बात सोने की शुद्धता को परखने की होती है, तो आपकी नजरें सबसे पहले हॉलमार्क के निशान को तलाशती हैं। इस निशान का मतलब है कि सोना खरा है। लेकिन चांदी के मामले में फिलहाल ऐसा कुछ नहीं है। हालांकि, आने वाले समय में इस 'कुछ नहीं' से छुटकारा मिल सकता है। क्योंकि सरकार चांदी पर भी हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है।
लगातार हो रही मांग
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से कहा है कि वह चांदी और उसके गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की संभावना पर विचार करे। उन्होंने कहा कि ग्राहकों की ओर से चांदी पर हॉलमार्किंग की लगातार मांग की जा रही है। लिहाजा, इस बारे में संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए। यहां इस बात पर गौर करना जरूरी है कि चांदी की शुद्धता को लेकर देश में फिलहाल कोई स्टैंडर्ड या मानदंड नहीं है।
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हमेशा रहता है ये डर
यदि चांदी पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य होती है, तो उसकी शुद्धता को लेकर लोगों के मन में कोई सवाल नहीं रहेगा। चांदी में निवेश करने वालों की संख्या पिछले कुछ वक्त में काफी बढ़ी है। लेकिन लोगों को यह डर हमेशा बना रहता है कि जो चांदी वे खरीद रहे हैं क्या वो वास्तव में शुद्ध है? असली और नकली चांदी में अंतर पता करने का उनके पास कोई तरीका नहीं होता, उन्हें केवल बेचने वाले की बातों पर विश्वास करना पड़ता है।
सभी को होगा फायदा
अगर चांदी पर भी सोने की तरह हॉलमार्किंग होती है, तो इससे उपभोक्ता को बहुत फायदा होगा। सबसे पहला तो यही कि उसे शुद्धता की गारंटी मिलेगी। इसके अलावा, शुद्धता के प्रमाण के कारण चांदी के मूल्य निर्धारण में भी पारदर्शिता आएगी। जब शुद्धता की गारंटी रहेगी तो चांदी के उत्पादों को लेकर विश्वास भी बढ़ेगा। ऐसे में व्यापारियों का भी इसका लाभ मिलेगा। बता दें कि हॉलमार्किंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत धातु की शुद्धता को प्रमाणित किया जाता है। यह छह अंक वाला अल्फान्यूमेरिक कोड होता है।
सोने पर 2021 से अनिवार्य
चलिए अब यह भी जान लेते हैं कि भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) क्या है। दरअसल, BIS एक राष्ट्रीय मानक संगठन है, जो उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत काम करता है। BIS पर उत्पादों एवं सेवाओं के लिए गुणवत्ता मानक निर्धारित करने की जिम्मेदारी होती है। इसकी स्थापना दिसंबर, 1986 में हुई थी। BIS ने सोने पर हॉलमार्किंग 2021 में अनिवार्य की थी।
चांदी पर फैसला कब तक?
सरकार ने BIS से चांदी पर हॉलमार्किंग की संभावना तलाशने के लिए कहा है। इस प्रक्रिया में छह महीने से एक साल तक का समय लग सकता है। चांदी के दाम इस समय प्रति किलो 92,048 रुपये चल रहे हैं।
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