Switzerland ने इंडिया पर फोड़ा TAX 'बम', MFN दर्जा किया खत्म, समझे इसके मायने
Switzerland suspends MFN clause: स्विट्जरलैंड ने भारत को दिया MFN (मोस्ट फेवर्ड नेशन) का दर्जा वापस ले लिया है। इसका मतलब ये है कि 1 जनवरी 2025 से स्विट्जरलैंड में भारतीय कंपनियों को अपनी कमाई पर पहले से ज्यादा टैक्स देना होगा। कारोबारियों के अनुसार इससे EFTA के जरिए निवेश किए गए करीब 10000 करोड़ के प्रोजेक्ट पर असर पड़ सकता है।
बता दें EFTA यानी यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ है, जिसमें चार यूरोपीय देशों आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड आते हैं। बता दें संघ का गठन 29 फ़रवरी 1960 को किया गया थ। इसका मकसद यूरोप और दुनिया भर में अपने सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग और मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना है।
#NewsFlash | #Switzerland suspends #MFN clause from Bilateral Direct Tax Avoidance Agreement (#DTAA) Treaty from January 1, 2025. Post suspension of MFN status income post January 1, 2025, to be taxed in source state pic.twitter.com/Vmk6fAvSIZ
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) December 13, 2024
स्विट्जरलैंड में भारतीय कंपनियों को10 प्रतिशत टैक्स देना होगा
जानकारी के अनुसार स्विट्जरलैंड ने हाल ही में नेस्ले के खिलाफ भारत में दिए गए एक अदालती फैसले के बाद भारत को MFN से बाहर किया है। जिससे यूरोपीय देश में काम कर रही भारतीय कंपनियों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। स्विट्जरलैंड के इस कदम से अब भारतीय संस्थाओं को अपने मुनाफे पर 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा, जो पहले कम था।
ये है पूरा मामला
स्विट्जरलैंड सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि वह भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुए दोहरे कराधान समझौते (डीटीएए) के एमएफएन प्रावधान को निलंबित करता है। बता दें नेस्ले एक स्विस कंपनी है। कंपनी के खिलाफ भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि डीटीएए को तब तक लागू नहीं किया जा सकता जब तक कि इसे आयकर अधिनियम के तहत अधिसूचित न किया जाए। इस फैसले का मतलब है कि नेस्ले को इंडिया में अपनी कमाई पर अधिक टैक्स देना होगा।
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