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Union Budget 2025: क्या होता है बजट से पहले पेश होने वाला Economic Survey?

Economic Survey 2025: आम बजट पेश होने से पहले सामने आने वाले आर्थिक सर्वेक्षण या इकोनॉमिक सर्वे में देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति की तस्वीर साफ हो जाती है।
05:00 PM Jan 10, 2025 IST | News24 हिंदी
union budget 2025  क्या होता है बजट से पहले पेश होने वाला economic survey

Union Budget 2025: नए साल का पहला महीना यानी जनवरी तेजी से अपने अंतिम पड़ाव की तरफ बढ़ रहा है। इसी के साथ 1 फरवरी को पेश होने वाले देश के बजट को लेकर बेकरारी भी बढ़ रही है। हर कोई जानना चाहता है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे में इस बार उसके लिए क्या है। क्या इनकम टैक्स में छूट मिलेगी, क्या महंगाई कम करने की दिशा में कोई कदम उठाया जाएगा? कुछ ऐसे सवाल हैं, जिन पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है।

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बन गई है परंपरा

हर साल देश का बजट पेश किए जाने से पहले सरकार संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) रखती है। 1950-51 में पहली बार देश का इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया था, तब से अब तक यह परंपरा जारी है। चलिए जानते हैं कि आखिर आर्थिक सर्वेक्षण क्या होता है और यह क्यों जरूरी है।

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क्या होता है इसमें?

आर्थिक सर्वेक्षण या इकोनॉमिक सर्वे को आप सरकार का रिपोर्ट कार्ड मान सकते हैं। इसमें पिछले वित्त वर्ष के कामकाज की समीक्षा के साथ-साथ भविष्य में ग्रोथ की संभावनाओं पर आधिकारिक नजरिया दिया जाता है। इसके जरिए सरकार देश की अर्थव्यवस्था की ताजा स्थिति के बारे में बताती है। आर्थिक सर्वेक्षण में बताया जाता है कि किस सेक्टर से कितनी कमाई हुई, क्या चुनौतियां हैं। ऐसे कौन से फैक्टर हैं, जो आर्थिक तरक्की में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है।

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जनता के काम की बात

यह सर्वेक्षण इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि अर्थव्यवस्था के फुल स्पीड में दौड़ने के लिए क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है। आर्थिक सर्वेक्षण को बजट का मुख्य आधार भी कहा जाता है। आम आदमी के लिहाज से बात करें, तो इकोनॉमिक सर्वे से उसे महंगाई और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों की जानकारी मिल जाती है। साथ ही निवेश, बचत और खर्च को लेकर एक आइडिया मिल जाता है।

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निवेशकों के काम की बात

निवेशकों के लिहाज से देखें, तो यह सर्वेक्षण काफी फायदेमंद है। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि किन क्षेत्रों में निवेश के अच्छे मौके हैं। उदाहरण के तौर पर यदि सर्वेक्षण में इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार के फोकस का जिक्र है, तो इस सेक्टर में भविष्य में अच्छी संभावनाएं बन सकती हैं। कुल मिलकर देखें तो आर्थिक सर्वेक्षण देश की एक ऐसी तस्वीर पेश करता है, जिससे सभी को परिचित होना जरूरी है।

ऐसे हुई शुरुआत

आर्थिक सर्वेक्षण को मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है। वित्त वर्ष 1950-51 में पहली बार देश का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था। शुरुआत में यह बजट वाले दिन ही पेश होता था, लेकिन 1964 से इसे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा।

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