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नारायण मूर्ति से उलट है रिशाद प्रेमजी की सोच, Wipro चेयरमैन बोले-वर्क लाइफ में बैलेंस जरूरी

Rishad Premji Work Life Balance Theory: विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने प्रोफेशनल ग्रोथ के लिए वर्क लाइफ में बैलेंस को जरूरी बताया है। उनका बयान उस समय आया, जब नारायण मूर्ति ने सप्ताह में 70 घंटे काम करने की बात कही।
01:37 PM Nov 20, 2024 IST | Khushbu Goyal
नारायण मूर्ति से उलट है रिशाद प्रेमजी की सोच  wipro चेयरमैन बोले वर्क लाइफ में बैलेंस जरूरी
Rishad Premji

Work Life Balance in Important: आजकल काम करने के घंटों पर फिर से चर्चा छिड़ी हुई है। हाल ही में एक कार्यक्रम में इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने सप्ताह में 70 घंटे काम करने वाला बयान फिर से दोहराया और इस प्रवृति को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। इस बीच विप्रो के चेयरमैन रिशाद प्रेमजी का बयान आया है। वे कहते हैं कि वर्क लाइफ में बैलेंस बनाना बेहद जरूरी है।

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रिशाद प्रेमजी ने यह भी दावा किया कि विप्रो अपने प्रबंधकों को लोगों के प्रति संवेदनशील होने, संकेतों को पहचानने तथा उनकी वर्क लाइफ में बैलेंस के बारे में खुलकर बातचीत करने के लिए ट्रेनिंग देती है। आने प्रबंधकों को कर्मचारियों के साथ मिलनसार होने के लिए प्रेरित करती है, ताकि वे अपनी समस्याएं उनके साथ शेयर कर सकें। यह जरूरी है, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो सके।

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प्रोफेशनल ग्रोथ के लिए वर्क लाइफ बैलेंस जरूरी

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, विप्रो के कार्यकारी अध्यक्ष रिशाद प्रेमजी कहते हैं कि वर्क लाइफ में संतुलन अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। उनका मानना ​​है कि हाइब्रिड कार्य मॉडल कार्यबल की मदद करता है। बेंगलुरु टेक समिट 2024 के पहले दिन फायरसाइड चैट में रिशाद प्रेमजी के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने कोविड काल से पहले के शुरुआती दिनों में ही यह सीख लिया था।

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कामकाजी जीवन एक ऐसी चीज है, जिसे आपको खुद परिभाषित करना होता है। संगठन कभी भी आपके लिए काम नहीं करेंगे। इसलिए आपको यह परिभाषित करना होगा कि इसका क्या मतलब है और सीमाएं खींचनी होंगी। इसके फायदे भी होंगे और प्रोफेशनल लाइफ की ग्रोथ भी होगी। रिशाद प्रेमजी ने देशभर की कंपनियों को इस नियम को अपनाने के लिए प्रेरित किया।

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नारायण मूर्ति वर्क लाइफ बैलेंस कॉन्सेप्ट के विरोधी

बता दें कि इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति वर्क लाइफ में बैलेंस के कॉन्सेप्ट में विश्वास नहीं करते हैं। नारायण मूर्ति ने 1986 में भारत में 6 दिवसीय वर्किंग वीक से 5 दिवसीय वर्किंग वीक करने पर भी निराशा व्यक्त की। इस बीच रिशद प्रेमजी ने विस्तार से बताया कि वर्क लाइफ में बैलेंस केा कॉन्सेप्ट में नाटकीय रूप से बदलाव आया है। पहले इसका मतलब होता था कि व्यक्ति कार्यालय आता है और जाता है, लेकिन आज इसका मतलब यह नहीं है कि कार्यस्थल पर इंस्टाग्राम एक्सेस को छीन लिया जाए।

इसका मतलब सिर्फ हमारा अधिकार ही नहीं है, बल्कि यह एक स्वतंत्रता भी है कि हम काम के दौरान, लेकिन काम न करते हुए, अपने समय के साथ क्या कर सकते हैं? इसका फैसला ले सकें। यह बात ऐसे समय में सामने आई है, जब टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस और विप्रो समेत कई IT कंपनियों ने महामारी के बाद अपने कर्मचारियों को ऑफिस लौटने के लिए कहना शुरू कर दिया है। प्रेमजी ने यह भी बताया कि कैसे विप्रो अपने कर्मचारियों को सप्ताह में 2 दिन ऑफिस आने की सुविधा प्रदान करता है।

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