whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

नमो ड्रोन दीदी योजना से छत्तीसगढ़ की निरूपा साहू बनीं आत्मनिर्भर, 1 एकड़ का लेती हैं इतना चार्ज

Namo Drone Didi Scheme: भारत में कई ऐसी महिलाएं हैं, जो एक कुशल गृहिणी और मां तो हैं, लेकिन उनके पास आमदनी का कोई सोर्स नहीं है। इसीलिए छत्तीसगढ़ सरकार कई स्कीम के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है।
02:59 PM Sep 07, 2024 IST | Deepti Sharma
नमो ड्रोन दीदी योजना से छत्तीसगढ़ की निरूपा साहू बनीं आत्मनिर्भर  1 एकड़ का लेती हैं इतना चार्ज
Namo Drone Didi Scheme

Namo Drone Didi Scheme: प्रदेश में लगातार छत्तीसगढ़ की साय सरकार विकास कार्यों को करने में जुटी हुई है। इसी के तहत कई सारी ऐसी योजनाएं हैं, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही हैं। आज की महिलाएं अब घरों के भीतर चूल्हा-चौका के काम तक सीमित नहीं रह गई हैं। वे लगातार नए आधुनिक काम को सीखकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने का पूरा प्रयास कर रही हैं। इन्ही प्रयासों में से एक बलौदाबाजार विकासखंड के ग्राम लाहोद निवासी निरूपा साहू अब गांव में ड्रोन वाली दीदी के नाम से जानी जाती है।

Advertisement

निरूपा साहू बताती है की उनका मूल घर ग्राम करदा है, लेकिन हम लोग लाहोद में ही रहते हैं। मेरे पति नकुल प्रसाद साहू लवन जिला सहकारी सोसायटी में ऑपरेटर के रूप में कार्य करते हैं, हमारे दो लड़के हैं। दोनों लड़के अभी कक्षा चौथी और कक्षा दूसरी में पढ़ाई कर रहे हैं। मैंने भी 12वीं तक पढ़ाई की है। बचपन से ही मुझे बाहर जाकर कुछ काम करने का मन था, ताकि मैं अपने पति के साथ कंधे से कंधे मिलाकर उनका सहयोगी बन सकूं और घर के खर्चों में अपना योगदान कर पाऊं। मैं बिहान अंतर्गत वैभव लक्ष्मी स्व सहायता समूह से जुड़ी हुई हूं, एक दिन कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा ड्रोन चलाने वाले काम के बारे में बताया गया। मैंने इस कार्य में भविष्य की संभावनाएं को देखते हुए जल्दी हामी भरी। उसके बाद इफको कंपनी की सहायता से नमो ड्रोन दीदी की ट्रेनिंग लेने ग्वालियर इंस्टिट्यूट में गई थी। जहां मुझे 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिग के बाद आरपीसी लाइसेंस मिला है। वापस गांव आकर मैं ड्रोन दीदी के रूप में काम कर रही हूं।

ड्रोन की मदद से करती हैं खेतों में स्प्रे का काम

निरूपा आगे बताती है कि अप्रैल में यह ड्रोन मिला है और तब से वह ड्रोन के माध्यम से किसानों के खेत में दवाई छिड़काव करने का कार्य कर रही है। 300 रूपये एकड़ के हिसाब से चार्ज लेती हैं। अब तक गांव के लगभग 80 एकड़ खेत में ड्रोन से दवाई छिड़काव कर चुकी है। जिससे मुझे 25 हजार रूपये की आमदनी हुई है। ड्रोन से न केवल निरूपा साहू को फायदा हुआ है बल्कि किसानों को भी इसका सीधा लाभ मिला है। किसान परमेश्वर वर्मा कहते है कि पहले दवाई छिड़काव स्पियर से किया जाता था, जिससे बहुत टाइम और खर्च ज्यादा लगता था। लेकिन ड्रोन के जरिए मात्र कुछ मिनटों में ही यह काम पूरा हो जाता हैं और दवाइयों का बेहतर रूप से छिड़काव हो जाता है।

Advertisement

गौरतलब है, केंद्र सरकार द्वारा नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत आने वाले चार सालों में 15 हजार स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराया जाएगा और कृषि क्षेत्र में उर्वरकों का छिड़काव, फसलों में खाद डालना, फसल की निगरानी करना, बीज बोना आदि के लिए ड्रोन चलाने के लिए महिलाओं को ट्रेंड किया जाएगा। ताकि नई प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कौशल प्रदान कर महिलाओं के लिए आजीविका के नए अवसर पैदा किया जा सके।

Advertisement

ये भी पढ़ें-  छत्तीसगढ़ में हुआ मोबाइल लाइब्रेरी वेन का शुभारंभ, जानें क्या है निपुण भारत मिशन का ‘पठन अभियान’?

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो