छत्तीसगढ़ की महिलाओं को बनाया जाएगा सशक्त, ड्रोन ट्रेनिंग से बनेंगी आत्मनिर्भर
Drone Training For Women: छत्तीसगढ़ की विष्णदेव साय सरकार लगातार विकास कार्यों को करने में जुटी हुई है। सीएम विष्णदेव साय का कहना है कि प्रदेश का विकास तभी हो सकता है जब वहां की महिलाएं शिक्षित होने के साथ-साथ सशक्त भी हों। इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, उन्हीं में एक है नमो ड्रोन दीदी योजना। इसी नमो ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत बलौदाबाजार जिले के स्व सहायता समूह की अधिक से अधिक महिलाओं को ड्रोन उडाने की ट्रेनिंग देकर स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। कलेक्टर दीपक सोनी ने कृषि विभाग के अधिकारियों को इस सबंध में जरुरी निर्देश दिए हैं। ड्रोन दीदी निरुपा साहू और ड्रोन पायलट निखिल कन्नौजे ने कलेक्टर सोनी से मुलाकात कर अपने अनुभव शेयर किए। कलेक्टर ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड छिड़काव में ड्रोन के इस्तेमाल को किसानों के लिए फायदेमंद कहा और ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की बात कही।
ड्रोन दीदी निरुपा साहू ने बताया अपना अनुभव
विकासखंड बलौदाबाजार अंतर्गत ग्राम लाहौद निवासी ड्रोन दीदी निरुपा साहू ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि उन्होंने ड्रोन से दवाई छिड़काव क़ा काम अप्रैल 2024 से शुरू किया है। इसके पूर्व उन्होंने ग्वालियर स्थित ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से ड्रोन उडाने का 15 दिन का ट्रेनिंग लिया। उन्होने बताया कि बिहान अंतर्गत वैभव लक्ष्मी स्व सहायता समूह से जुडी हैं। नमो ड्रोन दीदी योजना के बारे में जानकारी कृषि विभाग के अधिकारियों से मिली। ड्रोन दीदी ने बताया कि ड्रोन से यूरिया या कीटनाशक छिड़काव के लिए प्रति एकड 300 रुपये चार्ज लेती हैं और उन्हें अब तक करीब 25 हजार रूपये की आय हो चुकी है।
ड्रोन को 2 से 3 किलोमीटर की दूरी तक उड़ाया जा सकता है
ग्राम लटुआ निवासी ड्रोन पायलट निखिल कन्नौजे ने बताया कि वह इफ्को कंपनी से जुडा है और कंपनी के माध्यम से ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग ली है। उन्होंने बताया कि ड्रोन को 2 से 3 किलोमीटर की दूरी तक उड़ाया जा सकता है। अप्रैल महीने से करीब 88 एकड़ खेतों में दवाई का छिड़काव ड्रोन से कर चुके हैं। केंद्र सरकार द्वारा नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि आने वाले चार सालों में 15 हजार खुद को सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराया जाए। यह ड्रोन, महिला खुद सहायता समूहों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इन ड्रोन्स का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में फर्टिलाइजर्स का छिड़काव करने के लिए किया जाएगा।
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