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गृहमंत्री अमित शाह से मिले बस्तर के नक्सल पीड़ित, सुनाई आपबीती, मांगा न्याय

Amit Shah Meet Bastar Naxal Victims: छत्तीसगढ़ के बस्तर डिवीजन के नक्सल पीड़ित 70 की संख्या में देश की राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं। गुरुवार को इनकी मुलाकात देश के गृहमंत्री अमित शाह से उनके निवास पर हुई।
12:52 PM Sep 20, 2024 IST | Deepti Sharma
AMIT SHAH MEET NAXALS VICTIMS
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Amit Shah Meet Bastar Naxal Victims: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के लगभग 70 नक्सल पीड़ितों का एक दल गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राजधानी दिल्ली में उनके निवास पर मिला। नक्सल हिंसा से प्रभावित इन लोगों ने अपनी व्यथा गृहमंत्री के साथ साझा की और न्याय व पुनर्वास की मांग की। इस दल का नेतृत्व बस्तर शांति समिति ने किया, जो राज्य में नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास के लिए काम कर रही है। इनमें से कई लोगों ने नक्सलियों के हाथों अपने परिवार के सदस्यों को खोया है, कुछ ने अपने अंग गंवाए हैं, कुछ पूरी तरह से अपाहिज हो गए हैं।

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इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य नक्सल हिंसा से पीड़ित लोगों की पीड़ा को नेशनल लेवल पर लाना था। पीड़ितों ने बताया कि नक्सली हमलों के कारण उनके जीवन में गंभीर बाधाएं आई हैं। इस मुलाकात के दौरान, गृह मंत्री ने नक्सल पीड़ितों की कहानियों को ध्यान से सुना और उनकी समस्याओं पर गंभीरता दिखाई। उन्होंने इन लोगों के संघर्ष और साहस की प्रशंसा की और आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सीएम साय और राज्य सरकार का योगदान

नक्सल पीड़ितों ने बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यों से प्रभावित होकर अपनी बात दिल्ली तक लाने का साहस कर पाए हैं। राज्य सरकार ने जिस तरह से बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों और सुरक्षा प्रयासों को प्राथमिकता दी है, उसने इन लोगों को यह हिम्मत दी कि वे अपनी आवाज़ दिल्ली में उठाएं। छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता और सक्रियता से प्रभावित होकर, पीड़ितों ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में जिस प्रकार से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और पुनर्वास के लिए काम किया गया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। राज्य सरकार ने सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी है, जिससे प्रभावित लोगों में नई उम्मीद जागी है।

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प्रदेश सरकार के प्रयासों ने दी हिम्मत

एक पीड़ित ने बताया कि हमने अपने परिवार, अंग और जीवन की खुशियां खोईं, लेकिन राज्य सरकार के प्रयासों ने हमें यह हिम्मत दी कि हम अपनी बात देश की राजधानी दिल्ली तक ला सकें। मुख्यमंत्री साय ने न केवल हमारे दर्द को समझा, बल्कि हमें यह भरोसा दिलाया कि हमारे साथ न्याय होगा।

नक्सल पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

मुलाकात के दौरान नक्सल पीड़ितों ने गृह मंत्री को अपनी आपबीती सुनाई कि कैसे नक्सल हिंसा ने उनके जीवन को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। किसी ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया, किसी ने अपने अंग गंवाए, और कई लोग अब भी शारीरिक और मानसिक रूप से इन हमलों के जख्मों से जूझ रहे हैं। एक पीड़ित ने बताया कि नक्सलियों के कारण हमने अपना सब कुछ खो दिया। अब हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी मदद करेगी और हमें न्याय मिलेगा। गृह मंत्री ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और आश्वासन दिया कि सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को और तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा, जिससे इन परिवारों का पुनर्वास हो सके और वे एक बार फिर सामान्य जीवन जी सकें।

जंतर- मंतर पर पीड़ितों की आवाज

गृह मंत्री से मुलाकात से पहले, नक्सल पीड़ितों का यह दल जंतर मंतर पर भी पहुंचा था, जहां उन्होंने अपनी समस्याओं को आम जनता के सामने रखा। इस आंदोलन का उद्देश्य था कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास और शांति को प्राथमिकता दी जाए और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। एक पीड़ित ने कहा, "हमने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों और विकास कार्यों से प्रेरित होकर अपनी आवाज़ दिल्ली तक पहुंचाने का साहस किया है। अब हमें उम्मीद है कि हमारे गाँवों में स्थायी शांति आएगी और हम अपने जीवन को फिर से सुधार पाएंगे।

नक्सल पीड़ित राष्ट्रपति से भी करेंगे मुलाकात

यह दल 21 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेगा। इस मुलाकात में नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थाई शांति और विकास के लिए चर्चा की जाएगी। दल के सदस्य राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें सुरक्षा बलों की तैनाती, विकास कार्यों की गति बढ़ाने, और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की मांग की जाएगी। इस मुलाकात के बाद नक्सल पीड़ितों में एक नई उम्मीद जागी है कि उनके संघर्ष और पीड़ा को अब नेशनल लेवल पर पहचाना जाएगा। सरकार उनके पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाएगी, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास का नया अध्याय शुरू होगा।

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