whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं के साथ आदिवासी महिला ने बदली किस्मत, बनी परिवार का सहारा

Lakhpati Didi Scheme: डबल इंजन की सरकार का लाभ उन दीदियों को भी मिल रहा है, जो अब लखपति दीदी बन रही हैं। सभी प्रदेश की बहनों को आत्मनिर्भर बनाने और लखपति दीदी बनाने के लिए राज्य सरकार काम कर रही है।
06:51 PM Sep 23, 2024 IST | Deepti Sharma
छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं के साथ आदिवासी महिला ने बदली किस्मत  बनी परिवार का सहारा
lakhpati didi scheme

Lakhpati Didi Scheme: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार राज्य के विकास के लिए अलग-अलग अयाम तलाश रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि किसी भी प्रदेश का विकास तभी हो सकता है, जब वहां की महिलाएं हर काम में आत्मनिर्भर हों। इसी के तहत ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) विशेष पिछड़ी जनजाति की महिलाओं के भी जीवन में एक बड़ा परिवर्तन लेकर आ रहा है।

Advertisement

बिहान के माध्यम से मिली आर्थिक मदद, प्रशिक्षण और कड़ी मेहनत से अपनी आमदनी में वृद्धि कर वे अपने परिवार की एक मजबूत सहारा बन पा रही है। इसी परिवर्तन की एक शानदार मिसाल हैं, विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय की मझनी बाई जो कृष्णा स्व-सहायता समूह से जुड़कर कड़ी मेहनत और समर्पण से लखपति दीदी बनने का सफर तय किया।

स्व सहायता समूह से जुड़ने से पहले जशपुर जिला के मनोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत गीधा की रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति की मझनी बाई कृषि कार्य से सलाना 35 हजार से 40 हजार के बीच कमा पाती थी। अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए मझनी बाई बिहान योजना के तहत स्व-सहायता समूह से जुड़ने का निर्णय लिया। समूह से जुड़ने के बाद मझनी बाई को आर.एफ. के तहत 15 हजार रूपए, सी.आई.एफ. के तहत 60 हजार रूपए और बैंक लिंकेज लोन के माध्यम से एक लाख रूपए की आर्थिक सहायता मिली।

Advertisement

मिर्च की खेती और बकरी पालन

इस आर्थिक सहायता से मझनी बाई ने मिर्च की खेती और बकरी पालन का काम शुरू किया। मझनी बाई ने 2 एकड़ जमीन पर मिर्च की खेती में 20 हजार रूपए का निवेश किया। इससे उन्हें सालाना 1.10 लाख की आमदनी होने लगी। बकरी पालन से उसे 50 हजार रूपए की आय प्राप्त हुई। आज मिर्च उत्पादन और बकरी पालन के जरिए मझनी बाई की वार्षिक आमदनी 1.60 लाख रूपए तक पहुंच गई है। बिहान से मिली मदद और कड़ी मेहनत से मझनी बाई ने सफलता हासिल की है। आज वह अपने गांव में आत्मनिर्भरता की एक मिसाल बन चुकी हैं।

ये भी पढ़ें- Chhattisgarh: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने किया मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निरीक्षण, दिए ये निर्देश

Advertisement

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो