खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

'कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला तुष्टिकरण करने वालों के मुंह पर तमाचा', ममता बनर्जी पर भड़के CM साय

Chhattisgarh CM Vishnudev Sai Targets Mamata Banerjee: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा है।
07:48 PM May 23, 2024 IST | Pooja Mishra
Advertisement

Chhattisgarh CM Vishnudev Sai Targets Mamata Banerjee: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इन दिनों लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे राज्यों में पार्टी का प्रचार कर रहे हैं। इस सिलसिले में वह लगातार झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। इसके साथ ही साथ सीएम साय विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं। हाल ही में सीएम साय ने तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा है। सीएम साय ने कहा कि रहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले ने धर्म आधारित वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा मारा है।

Advertisement

सीएम साय का ममता बनर्जी पर वार 

सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस और INDI गठबंधन लगातार संविधान की हत्या का षड़यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला बताता है कि ममता बनर्जी की सरकार तुष्टिकरण की राजनीति को गैर-संवैधानिक तरीके से आगे बढ़ा रही थी। इंडी गठबंधन के लोग केवल वोट बैंक के लिए लगातार सालों से आदिवासियों और पिछड़े वर्गो का हक छीनकर, उसे मुसलमानों की झोली में डाल रहे हैं। इसकी जितनी निंदा की जाय, वो उतना ही कम है।

यह भी पढ़ें: वर्दी पहने हुए थे मारे गए सातों नक्सली, भारी मात्रा में हथियार भी बरामद, मुठभेड़ जारी

Advertisement

कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में धर्म आधारित आरक्षण के लिए कोई स्थान नहीं है, इसके बारे में सभी जानते हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को एक फैसला सुनाया, जिसमें कोर्ट ने बताया गया कि साल 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में सभी धर्म आधारित आरक्षण के प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया है। यह भारत के ओबीसी, आदिवासी और तमाम पिछड़े वर्गों के हक में लिया गया बड़ा फैसला है।

Advertisement
Tags :
Chhattisgarh
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement