नेशनल हॉर्टिकल्चर फेयर 2024 में छत्तीसगढ़ के किसानों ने लिया हिस्सा, जानें क्या कुछ सीखने को मिला?
Chhattisgarh Farmer in National Horticulture Fair: छत्तीसगढ़ में भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार लगातार किसानों की उन्नति को बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का किसानों के प्रति स्नेह किसी से छिपा नहीं है। छत्तीसगढ़ की साय सरकार किसानों को सशक्त बनने का हर संभव प्रयास कर रही हैं। इसी तहत राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों को हॉर्टिकल्चर के उन्नत तकनीक के गुण सीखने के लिए नेशनल हॉर्टिकल्चर फेयर में भेजा, जो कर्नाटक की राजधानी बैंगलुरू में आयोजित किया गया था।
नेशनल हॉर्टिकल्चर फेयर में किसानों ने क्या सीखा?
नेशनल हॉर्टिकल्चर फेयर का आयोजन पिछले महीने बैंगलोर में किया गया था। इस हॉर्टिकल्चर फेयर में छत्तीसगढ़ से कबीरधाम, कोरबा, खैरागढ़, दुर्ग, बेमेतरा, मुंगेली, सरगुजा, बालोद और राजनांदगांव जिले के 98 किसानों और तकनीकी सहायकों ने हिस्सा लिया। इस हॉर्टिकल्चर फेयर में देश के सभी राज्यों से सरकारी उद्यानिकी विभागों के साथ उद्यानिकी से जुड़े अनुसंधान, उद्योग और स्टेक होल्डर्स के स्टॉल लगाए गए, जिसमें उन्होंने नई टेक्नोलॉजी और उद्यानिकी के उन्नत की प्रदर्शनी की। इसके अलावा यहां पर बागवानी से जुड़े कई सब्जेक्ट पर वॉर्कशॉप भी आयोजित की गई। जिसमें मृदारहित खेती-कोकोफोनिक्स, संरक्षित खेती, हाइड्रोफोनिक्स और मूल्य संवर्धन- अपशिष्ट उपयोग आदि शामिल था।
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क्या है नेशनल हॉर्टिकल्चर फेयर?
बता दें कि यह मेला कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र (ICAR) और भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (IIHR) द्वारा आयोजित किया गया था। इस मेले में मॉर्डल टेक्नोलॉजी के माध्यम से किसानों को उद्यानिकी से रूबरू कराया जाता है। छत्तीसगढ़ के किसानों ने भी इस मेले से खेती के बारे में काफी कुछ नया सीखा है।