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'वन्य जीवों के रहने के लिए छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्र सबसे बेहतर', कार्यक्रम में बोले वन मंत्री केदार कश्यप

Chhattisgarh Forest Minister Kedar Kashyap: छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वन्य जीवों के रहने के लिए छत्तीसगढ़ का वन क्षेत्र सबसे बेहतर है।
01:18 PM Oct 07, 2024 IST | Pooja Mishra
 वन्य जीवों के रहने के लिए छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्र सबसे बेहतर   कार्यक्रम में बोले वन मंत्री केदार कश्यप

Chhattisgarh Forest Minister Kedar Kashyap: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार प्रदेश के औद्योगिक विकास के साथ-साथ ही राज्य की प्रकृतिक सुंदरता को सवांरने का भी काम कर रही है। इसी के तहत राज्य के वन विभाग की तरफ से रायपुर के ट्रिपल आईटी के सभागार में ‘सह अस्तित्व से वन्य जीव संरक्षण सप्ताह’ पर वन्य जीव सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम 2 से मनाया जा रहा है, जो 8 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। प्रदेश के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप बीते दिन इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्र वन्य जीवों के रहवास के लिए सबसे उपयुक्त हैं।

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छत्तीसगढ़ की जलवायु

मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि जिस तरह छत्तीसगढ़ की जलवायु और भौगोलिक स्थिति है, इससे राज्य देश के बाकी जगाहों की तुलना में बहुत बेहतर है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से पूरी तरह सुरक्षित है। यहां के वन क्षेत्र वन्य जीवों के रहवास के लिए बेहद उपयुक्त है। मंत्री केदार कश्यप ने आगे कहा कि प्राचीनकाल से ही राज्य के वनवासी लोग वन्य जीवों के साथ दोस्तों की तरह रहते हैं। हालांकि, अब परिस्थितियों में काफी बदलाव आया है, जिसकी वजह से काफी कुछ सुनने को मिलता है।

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यह भी पढ़ें: ‘अगर अभी सचेत नहीं हुए तो भू-जल भी प्रदूषित हो जाएगा’, कार्यक्रम में बोले छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष

वन और पर्यावरण को बेहतर की कोशिश

इस दौरान कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने राज्य में वन और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए वन विभाग और छत्तीसगढ़ के लोगों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जंगल सफारी में शेर की संख्या में बढ़ी है, जो हमारे लिए खुशी की बात है। उन्होंने आगे कहा कि वन विभाग द्वारा बर्ड काउंट इंडिया, कलिंगा यूनिवर्सिटी और पक्षी मित्रों के सहयोग से बर्ड एटलस तैयार किया जा रहा है।

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