छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री की बड़ी घोषणा, सरकारी अस्पतालों के MS को दिया जाएगा ये अधिकार
Improving The Quality Of Government And Private Hospitals: प्रदेश के विकास के लिए साय सरकार लगातार काम कर रही है। इसी में अस्पतालों में मरीजों को सुख-सुविधा मिल पाए, इसके लिए हर संभव प्रयास सरकार कर रही है। इसी के तहत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने घोषणा की है कि सरकारी अस्पतालों के सुपरिटेंडेंट जल्द ही बिना गवर्नमेंट अप्रूवल के 10 लाख रुपये तक के उपकरण और दवाओं की खरीद कर सकेंगे। वर्तमान व्यवस्था में 50 हजार रुपये से ज्यादा की खरीदी के लिए अधीक्षकों को नया रायपुर की दौड़ लगानी पड़ रही थी। इसलिए समस्या के समाधान के लिए जल्द ही मेडिकल कॉलेजों में कमेटियों का गठन किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि अगले पांच सालों में प्रदेश में एमबीबीएस डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी। नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से अगले 10 सालों में एक्सपर्ट डॉक्टरों की कमी खत्म हो जाएगी। सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों का वेतनमान 40 % तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी काम चल रहा है।
2 सुपर स्पेशलिटी अस्पताल होंगे शुरू
प्रदेश की ज्योग्राफिकल डायवर्सिटी के साथ मेडिकल चुनौतियों का उल्लेख करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बस्तर और सरगुजा में मलेरिया तो मध्य छत्तीसगढ़ में डायरिया की चुनौतियों से डॉक्टरों को दो-चार होना पड़ रहा है। सिकलसेल की भी चुनौती भी गंभीर है। 700 बिस्तरों के नए वार्ड के साथ आंबेडकर अस्पताल की मेडिकल सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के साथ ही बिलासपुर और जगदलपुर में अगस्त महीने में ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शुरू किया जाना है। अंबिकापुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए भी बजट में प्रविधान किया गया है।
गुणवत्ता में सुधार के लिए हर लेवल पर हो रहा प्रयास
मंत्री जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में उन्हें प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार का अवसर मिला है। सरकारी और निजी अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार के लिए वह हर स्तर पर प्रयास करेंगे। इसके लिए डाक्टरों की जरूरतों का ध्यान रखा जाना जरूरी है। शासकीय अस्पतालों में वर्तमान तकनीकी युग के अनुकूल उपकरणों और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है। इसी को ध्यान में रखते हुए बजटीय प्रबंध (Budgetary Management) भी किए गए हैं। वैदिक काल से समृद्ध देश की चिकित्सकीय परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी डॉक्टरों पर है। सरकार उनके सम्मान में किसी तरह की कमी नहीं आने देगी। समाज के सभी वर्गों को भी चाहिए कि वह डाक्टरों से जिस तरह के सहयोग की अपेक्षा करते हैं, उसकी के अनुकूल उनका सम्मान भी करें।
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