'जनजाति समृद्ध समाज की संस्कृति का हिस्सा है', वर्कशॉप में बोले छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
Workshop On Tribal Society: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा आयोजित जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत पर आधारित एक दिवसीय वर्कशॉप में शामिल होने पहुंचे। वर्कशॉप में जनजातीय समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान की चर्चा होगी। राजधानी रायपुर के सिविल लाईन स्थित सर्किट हाउस में वर्कशॉप का आयोजन हो रहा है।
सीएम साय प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे हैं। कार्यक्रम में सीएम साय ने कहा कि, जनजाति समाज की परंपरा ऐतिहासिक है, लिपि परंपरा बाद में आई। हमारे लोकगीतों का इतिहास रहा है, प्रकृति पूजा जनजाति समाज की मूल परम्परा है। जलवायु परिवर्तन के दौर में जनजाति समाज की परंपरा अनुकरणीय है। जनजाति समाज सबको फलने-फूलने का अवसर देता है। स्त्री-पुरुष में भेदभाव नहीं है, सब समान हैं। जनजाति समाज समृद्ध संस्कृति का हिस्सा है।
आज राजधानी के सर्किट हाउस में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित "जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत" पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला में सम्मिलित हुआ।
जनजातीय समाज का इतिहास प्रारंभिक काल से ही गौरवपूर्ण रहा है। प्रदेश में जनजातीय समुदाय का इतिहास विश्व का सबसे प्राचीन इतिहास है, जो हर… pic.twitter.com/8ra5SnYLgi
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) October 1, 2024
सुंदर संस्कृति को बचाने का संघर्ष किया
उन्होंने आगे कहा कि, अपने सुंदर संस्कृति को बचाने के लिए ही आदिवासी नायकों ने संघर्ष किया है। भगवान बिरसा मुंडा ने जनजाति के लिए शोषण मुक्त समाज का सपना देखा था। केंद्र की मोदी सरकार अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से जनजाति समाज की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।
समाज के सुधार के लिए कर रही है सरकार काम
राज्य की हमारी सरकार भी अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से उनके आर्थिक समृद्धि के लिए काम कर रहे हैं। नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से अंदरूनी इलाकों तक विकास पहुंचा रहे हैं। जनजाति समाज में दहेज को लेकर कभी भी बहु-बेटियां नहीं जलाई गईं। जनजाति समाज की कई खूबियां हैं।
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