CM विष्णुदेव साय ने किया 'क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024' का शुभारंभ, बोले- जलवायु परिवर्तन से एक साथ निपटना होगा
CM Vishnudev Sai's Address: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रायपुर के एक होटल में आयोजित 'छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024' प्रोग्राम में पहुंचे। सीएम साय ने दीप प्रज्ज्वलित करते हुए 'छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024' की शुरुआत की। इस दौरान कर्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम साय ने कहा कि इन दिनों दुनिया के लिए जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या है। क्लाइमेट चेंज के प्रतिकूल प्रभाव की वजह से आज पृथ्वी के सभी लोगों को सूखा, वर्षा और चक्रवाती बारिश जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस जलवायु परिवर्तन को लेकर ये कुछ ऐसी चुनौतियां हैं, जो पूरी दुनिया के सामने खड़ी हैं। हमें इससे निपटने के लिए प्रकृति को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय होटल सायाजी में आयोजित दो दिवसीय क्लाईमेट चेंज कॉन्क्लेव में शामिल हुए।
जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के उपायों पर विचार विमर्श करने पधारे, देशभर के विशेषज्ञ और पर्यावरणविदों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, कि जलवायु… pic.twitter.com/yQimuZTILK
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) March 5, 2024
सीएम साय का संबोधन
कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए सीएम साय ने कहा कि आज हम लोग ज्यादा सुख-सुविधाओं का लाभ लेने के लिए प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसकी वजह से असंतुलन की स्थिति बनती है, विसंगतियां आती हैं। क्लाइमेट चेंज की वजह से आने वाली चुनौती के समाधान के लिए साल 2015 में पेरिस समझौता किया गया था, जिसमें कुल 196 देश शामिल हैं। यह सभी देश अपने पर्यावरण को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। सीएम ने आगे कहा कि इस वैश्विक समस्या के बचने के लिए हम सभी को एक साथ मिलकर काम करना होगा।
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मिलकर करना होगा क्लाइमेट चेंज का सामना
इसके साथ ही सीएम साय ने 'छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024' के आयोजन के लिए राज्य के वन विभाग समेत छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज के अधिकारियों-कर्मचारियों की तारीफ की और उन्हें शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज से आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ अहम भूमिका अदा रहा है, जो भविष्य में कार्ययोजनाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस कॉन्क्लेव में देश भर के विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों शामिल हुए।