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ट्रेन में चोरी हुआ सामान तो जिम्मेदारी किसकी? अब यात्री को रेलवे देगा 4.7 लाख रुपये

Indian Railways: ट्रेन में सफर के दौरान कई बार सामान चोरी हो जाता है। इसके लिए यात्री NCDRC का रुख कर सकते हैं। ऐसी ही एक चोरी का मामला सामने आया जिसमें रेलवे अब उस पीड़ित यात्री को 4.7 लाख रुपये देगा।
08:15 AM Oct 17, 2024 IST | Shabnaz
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Indian Railways: 9 मई 2017 को दिलीप कुमार चतुर्वेदी अपने परिवार के साथ अमरकंटक एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे। इस दौरान स्लीपर कोच में उनका सामान चोरी हो गया। चतुर्वेदी ने रेलवे पुलिस में चोरी की शिकायत दर्ज कराई। चतुर्वेदी ने बताया कि चोरी हुए बैग में नकदी और लगभग 9.3 लाख रुपये का सामान था। बाद में ये मामला दुर्ग जिला उपभोक्ता आयोग में पहुंचा। इस मामले में अब NCDRC ने यात्री के हक में फैसला सुनाया है।

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रेलवे देगा 4.7 लाख रुपये का मुआवजा

चतुर्वेदी ने एनसीडीआरसी में जो याचिका दायर की। उसमें कहा गया कि टीटीई और रेलवे पुलिस कर्मचारी आरक्षित कोच में किसी दूसरे व्यक्तियों को आने की इजाजत देते हैं, जो बड़ी लापरवाही है। उनके वकील ने कहा कि चोरी हुआ सामान जंजीरों से बंधा हुआ था और लापरवाही के मामले में धारा 100 का बचाव नहीं किया जा सकता है।

केस में सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने कहा, यात्री ने सामान की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए थे लेकिन फिर भी चोरी हो गया। टीटीई आरक्षित कोच में बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने की अपनी जिम्मेदारी में विफल रहा है। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि रेलवे यात्री को लगभग 4.7 लाख रुपये का मुआवजा दे। यात्री को मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए रेलवे पर 20000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

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चोरी के लिए रेलवे जिम्मेदार

सुनवाई जस्टिस सुदीप अहलूवालिया और रोहित कुमार सिंह की एनसीडीआरसी पीठ ने की। रेलवे ने इस केस में अपनी दलील रखते हुए कहा कि सामान की चोरी के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि इस चोरी के लिए जिम्मेदार रेलवे ही है। रेलवे अपने निजी सामान और लगेज के साथ आरक्षित कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों के प्रति देखभाल का कर्तव्य रखता है।'

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Tags :
Chhattisgarh Newsconsumer courtindian railway
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