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'मैं मारने के बाद शवों की गिनती नहीं करता'...एनकाउंटर में नक्सलियों को धूल चटाने वाले बहादुर अफसर की जुबानी

Kanker Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के कांकेर में 29 नक्सलियों को मौत की नींद सुलाने वाली टीम की अगुआई 6 बार वीरता पदक जीत चुके अफसर ने की थी। उन्होंने पूरे ऑपरेशन का विवरण साझा करते हुए कहा कि नक्सलियों को चुनौती देना आसान नहीं था। नक्सलियों को लगता था कि कोई उनके इलाके में नहीं आ सकता। लेकिन टीम के बुलंद हौसले ने उन्हें मात दी।
01:39 PM Apr 18, 2024 IST | News24 हिंदी
इंस्पेक्टर लक्ष्मण केवट।
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Chhattisgarh Police Naxal Encounter: छह बार वीरता पदक जीत चुके इंस्पेक्टर लक्ष्मण केवट ने ही कांकेर में नक्सलियों के खिलाफ सबसे घातक ऑपरेशन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इस ऑपरेशन में 29 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा गया था। मुठभेड़ में बीएसएफ और डीआरजी के 200 जवान शामिल थे। चुनौती वाले इलाके में जंगल के चप्पे-चप्पे से वाकिफ नक्सलियों के कैंप में उनकी टीम 300 मीटर अंदर तक चली गई थी। माओवादियों के अलर्ट होने के बाद भीषण गोलीबारी हुई थी।

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पहले कर चुके 44 नक्सलियों का खात्मा

केवट ने बताया कि अब उन्होंने नक्सलियों को मारने के बाद शव गिनने बंद कर दिए हैं। बड़े नक्सली पकड़ने पर ही उनका ध्यान है। उनका अनुभव ऑपरेशन की सफलता का कारण रहा। केवट को एनकाउंटर मास्टरमाइंड भी कहा जाता है। इससे पहले उनके नाम ही 44 नक्सलियों के खात्मे का रिकॉर्ड है।

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केवट ने बताया कि संकट के समय उनके जवानों ने गोपनीयता, मारक क्षमता, बुद्धिमता और धर्य से यह लड़ाई अपने नाम की। कोटरी नदी के दूसरी ओर जो इलाका है, वह नक्सलियों का गढ़ है। वहां जाने की जहमत कोई नहीं उठाता। उनके वहां होने की पुष्ट जानकारी के बाद ही ऑपरेशन प्लान किया गया था। नक्सलियों की कई समितियों के लोग वहां जुटे थे। जिसके बाद 200 जवानों को रवाना किया गया।

300 मीटर शिविर के अंदर गई फोर्स

नक्सलियों से जुड़े एक व्यक्ति को घात लगाने की कोशिश की भनक लग गई थी। उसने बम विस्फोट कर दिया। जिसके बाद कई घंटों तक उनको शांत रहना पड़ा। इसके बाद वे धीरे-धीरे चलते रहे। खतरे से बेखबर नक्सली आराम करते रहे। उन्हें ऐसी कार्रवाई का अंदेशा नहीं था। जवान धीरे-धीरे नक्सलियों के शिविर में 300 मीटर अंदर तक पहुंच गए। वे लोग हर जगह फैल चुके थे।

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केवट ने बताया कि तभी नक्सली कुछ संभले और सबसे पहले बीएसएफ जवान को गोली मार दी। फिर दो जवान और घायल हो गए। उन लोगों ने इसके बाद लगातार नक्सलियों को जवाब दिया। केवट ने बताया कि उनका टारगेट एक-एक नक्सली को मारने का था। जब पूछा गया कि उन्होंने कितनों को गोली मारी। उत्तर दिया कि मैं शवों की गिनती नहीं करता। उनका ध्यान कुछ बड़े नक्सलियों पर है।

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Anti Naxal Operation
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