Arvind Kejriwal 6 दिन की रिमांड पर, ED का दावा- 100 करोड़ की रिश्वत ली, 600 करोड़ का है घोटाला
Arvind Kejriwal PMLA Court Hearing Update: दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की रिमांड पर कोर्ट ने फैसला सुना दिया। अदालत ने उन्हें 6 दिन की ईडी रिमांड में भेज दिया। सुनवाई जज कावेरी बावेजा ने की। अरविंद केजरीवाल और उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में मौजूद रहे।
सूत्रों के मुताबिक, ED ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। ED ने 28 पेजों की रिपोर्ट जज के सामने पेश की, जिसमें बताया गया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों जरूरी थी? ED ने एक डिटेल रिमांड नोट तैयार किया है। इसमें शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया है, जिसे ED टीम ने जज के सामने रखा।
ED के 100 करोड़ रिश्वत लेने के आरोप
कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए ASG राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जानबूझकर समन की अवहेलना की। घर पर पड़े छापे के दौरान भी केजरीवाल ने जांच में सहयोग नहीं किया। शराब घोटाले में करीब 100 करोड़ की रिश्वत ली गई और पूरा घोटाला करीब 600 करोड़ का है। हवाला के जरिए 45 करोड़ रुपये गोवा ट्रांसफर किए गए। विधायकों को पैसे कैश में दिए गए, जो आबकारी नीति में गड़बड़ करने पर मिले थे। हमने मनी ट्रेल की जांच की है। कॉल रिकॉर्ड है। चैट भी है। विजय नायर ने मामले में बिचौलिए की भूमिका निभाई। नकदी इकट्ठा करना और लोगों को धमकाना का काम विजय नायर ने किया।
केजरीवाल की घोटाले में सीधी भूमिका
कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए ED ने कहा कि विजय नायर केजरीवाल के आवास के पास ही रहता था। वह आप पार्टी का मीडिया इंचार्ज था। विजय नायर केजरीवाल और के कविता के लिए काम कर रहा था। साउथ ग्रुप में मिडिल मैन की भूमिका में था। मनीष सिसोदिया ने भी मामले में मुख्य भूमिका निभाई, इसलिए सिसोदिया की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की।
मनीष सिसोदिया ने विजय नायर को केजरीवाल के घर बुलाया और शराब नीति से जुड़े दस्तावेज दिए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही घोटाले के मुख्य साज़िशकर्ता हैं। आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की सीधी भूमिका है। किंगपिन हैं केजरीवाल, इसलिए हमने 24 घंटे के अंदर केजरीवाल को पेश कर दिया है। केजरीवाल को कल रात 9:05 बजे गिरफ्तार किया गया था।
विजय नायर केजरीवाल का राइट हैंड
ASG राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के सरगना है। उन्होंने मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के साथ मिलकर साजिश रची। विजय नायर केजरीवाल का दाहिना हाथ है। वह केजरीवाल के लिए कीकबैक इकट्ठा करता था। पॉलिसी लागू कराना और जो न माने उसे धमकाने का काम करता था।
सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में खुलासा किया कि विजय नायर के निर्देश पर उसने 31 करोड़ रुपये दिए थे। साउथ ग्रुप से मिले 45 करोड़ का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने 2021-22 में गोवा में इलेक्शन कैंपेन में किया। क्योंकि पूरे मामले के सूत्रधार अरविंद केजरीवाल हैं और वही मुख्य आरोपी हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी जरूरी थी और रिमांड भी जरूरी है, ताकि घोटाले की सारी परतें खोली जा सकें।
सिंघवी ने गिरफ्तारी के अवैध और गलत बताया
कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की ओर से उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ED की रिमांड की मांग का विरोध किया। उन्होंने कहा कि रिमांड यूं ही नहीं मिल जाती, इसके लिए कोर्ट को संतुष्ट करना पड़ता है। ED साबित करे कि आखिर केजरीवाल की गिरफ्तारी की ज़रूरत क्यों है?
गिरफ्तार करने की शक्ति होने का मतलब यह नहीं कि आपके पास गिरफ्तार करने की अनिवार्यता है। ईडी द्वारा लगातार वही 3-4 नाम उछाले जा रहे हैं। सभी मामलों में पैटर्न बिल्कुल एक जैसा है। यह पहली बार है कि जब किसी राजनीतिक पार्टी के टॉप नेताओं की गिरफ्तारी हुई है और सिटिंग मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हुई हो।
ऐसा लगता है जैसे पहला वोट डालने से पहले ही आपको नतीजे पता चल गए हों। सभी बड़े नेता जेल में हैं। चुनाव नजदीक हैं। इससे संविधान की मूल संरचना प्रभावित होती है। इसका असर लोकतंत्र पर पड़ता है। लोकतंत्र में समान अवसर होने चाहिए। केजरीवाल को गिरफ़्तार करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
ED का नया तरीका है कि पहले गिरफ्तार करो, फिर उनको सरकारी गवाह बनाकर मनमाफिक बयान हासिल करो। इसके बदले में उन्हें जमानत मिल ही जाएगी। जांच में शामिल 50 फीसदी लोगों ने केजरीवाल का नाम नहीं लिया। 82 फीसदी लोगों ने केजरीवाल के साथ किसी डीलिंग का जिक्र नहीं किया।