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Special Judge ने लगाई ED को फटकार! 25 पन्नों के फैसले में क्या-क्या कहा? केजरीवाल को क्यों दी थी Bail?

Justice Niyay Bindu Verdict: गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट की वैकेशन जज न्याय बिंदु ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी। यह फैसला रात 8 बजे सुनाया गया था। लेकिन, शुक्रवार की सुबह ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और विस्तृत आदेश जारी होने तक व फैसले के खिलाफ अपनी याचिका पर सुनवाई होने तक जमानत पर रोक लगाने की मांग की, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अब केजरीवाल को जमानत देने वाला विस्तृत फैसला जारी हो गया है।
04:09 PM Jun 21, 2024 IST | Gaurav Pandey
special judge ने लगाई ed को फटकार  25 पन्नों के फैसले में क्या क्या कहा  केजरीवाल को क्यों दी थी bail
अरविंद केजरीवाल (एएनआई)

Arvind Kejriwal Bail Verdict: दिल्ली की एक स्पेशल जज न्याय बिंदु ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी। 25 पन्नों के अपने फैसले में न्यायाधीश बिंदु ने 2021 के एक्साइज पॉलिसी केस में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल की भूमिका तय करने वाले डायरेक्ट सबूतों की कमी की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने मामले में जांच कर रही एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के नजरिए में पूर्वाग्रह होने की संभावना भी व्यक्त की।

ईडी ने शुक्रवार की सुबह इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। एजेंसी ने कहा था कि उसे जमानत का विरोध करने का मौका नहीं दिया गया और अदालत का विस्तृत फैसला जारी होना बाकी है। हाईकोर्ट ने इसके बाद केजरीवाल की तिहाड़ से रिहाई पर तब तक के लिए रोक लगा दी थी जब तक कि वह सबऑर्डिनेट अदालत के फैसले के खिलाफ ईडी की अपील की सुनवाई नहीं कर लेती। इसके थोड़ी ही देर बाद जज न्याय बिंदु का विस्तृत आदेश अपलोड हो गया।

अपने आदेश में ट्रायल जज ने प्रवर्तन निदेशालय की उस बात का उल्लेख किया है कि अगर केजरीवाल को रिहा किया जाता है तो वर्तमान में चल रही जांच प्रभावित हो सकती है। ईडी का कहना है कि वह गवाहों को अपने प्रभाव में ले सकते हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। हालांकि, फैसले में कहा गया है कि इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर ने बताया है कि कथित 100 करोड़ में से केवल 40 करोड़ ही ट्रेस किए जा सके हैं। बची हुई राशि का पता लगाने के लिए भी कोई स्पष्ट टाइमलाइन नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं

न्यायाधीश बिंदु ने अपने फैसले में कहा है कि ईडी यह बताने में नाकाम रही है कि उसे पूरे मनी ट्रेल को ट्रेस करने में और कितने समय की जरूरत है। इसका मतलह है कि जब तक ईडी की ओर से यह काम पूरा नहीं कर लिया जाता तब तक आरोपी को जेल में रहना होगा और वह भी तब जब उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। ईडी के इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता। बिंदु ने कहा कि अदालत को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं देखने को मिले हैं।

जांच को 'आर्ट' बताने का ईडी का नजरिया गलत

अदालत ने अपने फैसले में इस केस में प्रवर्तन निदेशालय के अप्रूवर्स और सह-अभियुक्तों की विश्वसनीयता पर निर्भरता को लेकर भी बात की। कोर्ट ने एजेंसी के इस दावे को खारिज किया कि जांच एक 'आर्ट' है। फैसले में कहा गया है कि इस तरह के नजरिए से मैनिपुलेटेड सबूतों के आधान पर लोगों को गलत तरीके से जेल जाना पड़ सकता है। यह सब अदालत को जांच एजेंसी को लेकर इस निष्कर्ष पर जाने के लिए मजबूर करता है कि वह बिना किसी पूर्वाग्रह के काम नहीं कर रही है।

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