कोर्ट रबड़ स्टैंप नहीं, जितनी रिमांड मांगे उतनी दे दे; 10 पॉइंट में जानें Arvind Kejriwal ने अपने बचाव में क्या कहा?
Arvind Kejriwal: शराब घोटाला नीति से जुड़े मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और ED के वकील के बीच शुक्रवार को PMLA कोर्ट में तीखी बहस हुई। सीएम की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल के पक्ष में कहा कि जांच में शामिल 50 फीसदी लोगों ने अब तक केजरीवाल का नाम नहीं लिया है। उनका कहना था कि इस मामले की पूछताछ में 82 फीसदी लोगों ने केजरीवाल के साथ किसी डीलिंग का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने कहा कि ये अदालत किसी रबड़ स्टैंप की तरह काम नहीं कर सकती कि कोई जांच एजेंसी जितनी रिमांड मांगे उसे उतने दिन दे दी जाएं।
“राजनीति साफ़ होगी तो सरकारें अपना काम ठीक से करेंगी”
“अगर सरकार अपना काम ठीक से करेगी तो करोड़ों लोगों की ज़िंदगी बदली जा सकती है”
मनीष सिसोदिया राजनीति में आने से पहले अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर अपनी सैलरी से 10 गरीब बच्चों की मदद करते थे. राजनीति नें उन्हें अवसर दिया… pic.twitter.com/NygxqqHz6u
— Manish Sisodia (@msisodia) March 19, 2024
केजरीवाल के वकील ने बचाव में रखे यह तर्क
- ईडी द्वारा लगातार वही पुराने तीन-चार नाम उछाले जा रहे हैं। एजेंसी का सभी मामलों में पैटर्न बिल्कुल एक जैसा है।
- सिंधवी ने कहा कि एजेंसी की रिमांड का आवेदन गलत है। लोकसभा चुनाव से पहले सीएम को गिरफ्तार कर एजेंसी क्या दिखाना चाहती है?
- सीएम की गिरफ्तारी का आधार क्या है? गवाहों के बयान में क्या साक्ष्य हैं एजेंसी यह स्प्ष्ट करे।
- गवाह एजेंसी का सबसे बदकिस्मत दोस्त भी हो सकता है, हो सकता है कि उसने अपनी आजादी के लिए कुछ सौदेबाजी की हो।
- यह पहली बार है जब किसी राजनीतिक पार्टी के टॉप नेताओं की गिरफ्तारी हुई है ।
- पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी एजेंसी ने एक के बाद एक किसी पार्टी के चार नेताओं को गिरफ्तार किया है।
- ऐसा लगता है कि लोकसभा चुनाव में वोटिंग से पहले ही नतीजे पता चल गए हैं
- जांच में शामिल 50 फीसदी लोगों ने अब तक केजरीवाल का नाम नहीं लिया, 82 फीसदी लोगों ने केजरीवाल के साथ किसी डीलिंग का जिक्र नहीं किया है।
- ये अदालत किसी रबड़ स्टैंप की तरह काम नहीं कर सकती कि जितनी रिमांड एजेंसी मांगे उतने दिन उसे दे दी जाए
ED की तरफ से लगाए गए यह आरोप
सुनवाई के दौरान ED की तरफ से ASG एस.वी राजू ने दावा किया कि विजय नायर इस पूरे घोटाले का बिचौलिया है, उनका कहना था कि नायर केजरीवाल का बेहद करीबी है। वह केजरीवाल का सारा काम संभालता था और इस मामले में उसने नकदी एकत्रित करने का काम किया। एएसजी ने अदालत में कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल पंजाब और गोवा चुनाव के लिए फंडिंग चाहते थे। शराब घोटाले के पैसे से आप पार्टी ने गोवा चुनाव में 45 करोड़ का इस्तेमाल किया। उनका कहना था कि इस मामले में करीब 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई है और रिश्वत देने वालों द्वारा कमाया गया मुनाफा करीब 600 करोड़ रुपये से अधिक का है।