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Arvind Kejriwal को जमानत मिली, एक जून तक जेल से बाहर रहेंगे

Arvind Kejriwal Latest Updates: अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम फैसला आया। वहीं अब ED दिल्ली शराब घोटाले की चार्जशीट दाखिल करेगी। आज पूरे देश की नजरें दिल्ली CM के जेल से बाहर आने पर टिकी थीं और फैसला आते ही इंतजार खत्म हो गया।
09:49 AM May 10, 2024 IST | Khushbu Goyal
arvind kejriwal को जमानत मिली  एक जून तक जेल से बाहर रहेंगे
अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फैसले पर आज पूरे देश की नजरें टिकी हैं।

Arvind Kejriwal Bail Granted by Supreme Court: दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल गई है। वे एक जून तक जेल से बाहर रहेंगे। उन्हें 2 जून को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल की जमानत के साथ ही द‍िल्‍ली का लोकसभा चुनाव अब रोचक हो गया है। कोर्ट ने उन्‍हें चुनाव प्रचार की मंजूरी दे दी है। हालांक‍ि एक मुख्‍यमंत्री के तौर पर वह कोई काम नहीं कर सकेंगे।

केजरीवाल की अंतर‍िम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में 7  मई को लंबी सुनवाई हुई थी। ईडी ने अंत‍र‍िम जमानत का व‍िरोध करते हुए लंबी दलीलें थीं, लेक‍िन शीर्ष अदालत ने चुनावी मौसम में एक मुख्‍यमंत्री को जेल में रखने पर आपत्त‍ि जताई थी। उसी समय से लगने लगा था क‍ि केजरीवाल जेल से बाहर आ सकते हैं। दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा और आज उन्हें राहत देते हुए जमानत दे दी।

22 मार्च से जेल में थे अरविंद केजरीवाल

आज अरविंद केजरीवाल को जेल गए 50 दिन हो गए हैं । 22 मार्च से वे ED की कस्टडी में और तिहाड़ जेल में हैं। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की हुई थी। लोकसभा चुनाव 2024 चल रहे हैं तो चुनाव प्रचार करने के लिए उन्होंने अंतरिम जमानत भी मांगी हुई थी, जो आज उन्हें मिल गई है।

याचिका पर गत 7 मई को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो आज सुनाया गया। वहीं ED ने भी केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया हुआ है। ED आज दिल्ली शराब घोटाला केस की चार्जशीट भी दाखिल करेगी।

ED के हलफनामे पर AAP ने जताई आपत्ति

दूसरी ओर, दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत देकर ED के हलफनामे पर कड़ी आपत्ति जताई की है। केजरीवाल की लीगल टीम का कहना है कि सुनवाई पूरी होने के बाद और सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया जाने से ठीक पहले हलफनामा प्रस्तुत किया गया, जो कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट की अनुमति लिए बिना हलफनामा दाखिल किया गया है।

ED 2 साल से मामले की जांच कर रही है और एक सबूत हाथ नहीं लगा। किसी के बयान पर राजधानी के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया। ED जिनका नाम कोर्ट में लेती है, वह सभी भाजपा में करीबी हैं। इनके बयानों पर भरोसा करके ED केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इसका सीधा मतलब यह है कि ED भाजपा के इशारों पर काम कर रही।

ED ने अपने हलफनामे में क्या दलीलें दीं?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ED ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके अरविंद केजरीवाल की जमानत का विरोध किया है। सूत्रों के मुताबिक, ED ने चार्जशीट में केजरीवाल और आप को आरोपी बनाया है। वहीं ED की तरफ से कहा गया है कि चुनाव प्रचार करना किसी शख्स का मौलिक अधिकार नहीं है। संविधान के अनुसार भी भारतीयों को चुनाव प्रचार करने का अधिकार नहीं मिला है। अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ रहे।

अब से पहले किसी नेता को चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं दी गई। अगर केजरीवाल को जमानत देकर परंपरा शुरू की गई तो जेल में कैद अन्य नेता भी जमानत मांगने लगेंगे। चुनाव प्रचार की आड़ में अपराधी या आरोपी राजनेता जेल से बाहर आ जाएंगे। ED ने समन भेजे, तब भी केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव होने का बहाना बनाया था। अब लोकसभा चुनाव प्रचार का बहाना बनाकर जमानत मांग रहे हैं, यह ठीक नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में की थी अहम टिप्पणियां

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अहम टिप्पणियां की थीं। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल को जनता ने वोट देकर मुख्यमंत्री चुना है। उनके खिलाफ अब से पहले कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं हुआ है। वह आदतन अपराधी भी नहीं हैं।

चुनाव 5 साल में एक बार होते हैं। उनका केस अलग है। हालात भी अलग हैं। चुनाव चल रहे हैं, इसलिए केजरीवाल की जमानत पर सुनवाई कर रहे हैं। केजरीवाल को अगर जमानत दी जाती है तो वे अपने पद के अनुसार कोई ऑफिशियल काम नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट को केजरीवाल के चुनाव प्रचार करने पर कोई हर्ज नहीं है।

क्या है दिल्ली शराब घोटाला?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ED का आरोप है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने शराब घोटाला किया है। लिकर पॉलिसी बनाकर गड़बड़ करते हुए 2873 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है। अपनी नीति के तहत साउथ इंडिया के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया। 136 करोड़ की लाइसेंस फीस माफ की और बदले में 100 करोड़ रुपये लिए। अरविंद केजरीवाल और के कविता इस घोटाले के सरगना हैं।

संजय सिंह, मनीष सिसोदिया सहयोगी हैं। मामले में अब तक 32 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और अरविंद केजरीवाल 32वें आरोपी हैं। अब तक गिरफ्तार कई आरोपियों ने अपने बयानों में उनका नाम लिया है। इसलिए उन्हें समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। 9 समन भेजने के बाद भी वे पेश नहीं हुए तो उन्हें 10वां समन देकर 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया।

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