अरविंद केजरीवाल को रिमांड से नहीं बचा पाईं ये 10 दलीलें, क्या थे ED के गंभीर आरोप
Arvind Kejriwal PMLA Court Hearing Update : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। पहले जांच एजेंसी ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया और अब पीएमएलए कोर्ट ने 6 दिन की ईडी रिमांड में भेज दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री 28 मार्च तक ईडी की कस्टडी में रहेंगे। हालांकि, ईडी ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने सिर्फ 6 दिन की रिमांड मंजूर की। अरविंद केजरीवाल को रिमांड से उनकी ये 10 दलीलें भी नहीं बचा पाईं। जानें ED ने क्या गंभीर आरोप लगाए थे।
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केजरीवाल की ओर से पेश की गई थीं ये 10 दलीलें
1. सीएम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि किसी रबड़ स्टैंप की तरह अदालत काम नहीं कर सकती कि कोई जांच एजेंसी जितनी रिमांड मांगे उसे उतने दिन दे दी जाएं।
2. ED वही पुराने तीन-चार नाम का जिक्र कर रही है। सभी मामलों में एजेंसी का पैटर्न एक जैसा ही है।
3. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर ईडी क्या दिखाना चाहती है? ईडी का रिमांड आवेदन भी गलत है।
4. अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का क्या आधार है। गवाहों के बयानों का साक्ष्य स्पष्ट करे एजेंसी।
5. हो सकता है कि गवाह एजेंसी का दोस्त हो या फिर उसने अपनी आजादी के लिए सौदेबाजी की हो।
6. पहली बार है कि किसी राजनीतिक पार्टी के टॉप नेताओं को अरेस्ट किया गया।
7. एक के बाद एक ईडी ने पार्टी के चार नेताओं को गिरफ्तार किया है।
8. ऐसा लग रहा है कि मतदान से पहले लोकसभा चुनाव के परिणाम पता चल गए हैं।
9. इस मामले की जांच में शामिल 50 फीसदी लोगों ने केजरीवाल का नाम नहीं लिया।
10. 82 फीसदी लोगों ने केजरीवाल के साथ किसी डीलिंग का जिक्र नहीं किया।
#WATCH | Arvind Kejriwal has been sent to ED custody till March 28 by Delhi court.
AAP leader Atishi says, "We, very respectfully and humbly disagree with the decision of the court. ED has no proof even after 2 years of investigation... ED forced their witnesses to give… pic.twitter.com/eYoaGCadFI
— ANI (@ANI) March 22, 2024
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ईडी ने लगाए थे ये गंभीर आरोप
1. ED ने अरविंद केजरीवाल की 10 दिन की रिमांड की मांग की। इस दौरान ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने 28 पेजों की दलीलें पेश कीं।
2. शराब व्यापारियों से घूस मांगने के केस में सीएम अरविंद केजरीवाल मुख्य षड्यंत्रकारी और सरगना हैं।
3. अरविंद केजरीवाल सीधे तौर पर दिल्ली शराब पॉलिसी बनाने में शामिल थे। उन्होंने कुछ खास लोगों का समर्थन किया था।
4. रिश्वत की रकम का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में हुआ था। केजरीवाल ने चुनाव के लिए 100 करोड़ की फंडिंग मांगी थी।
5. अरविंद केजरीवाल के करीबी रहे विजय नायर ने सारा काम किया था। पैसा इकट्ठा करना हो या फिर लोगों को धमकाना हो।
6. ED ने दावा किया है कि न सिर्फ 100 करोड़ की रिश्वत ली गई है, बल्कि 600 करोड़ रुपए घोटाला का यह मामला है।
7. एक सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा ने माना है कि विजय नायर के निर्देश पर उसने 31 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी।
8. हमारे पास कारोबारियों द्वारा दिए गए पैसों के चेट भी हैं। शराब व्यापारियों ने ज्यादा से ज्यादा कैश राशि दी थी।
9. जो आबकारी पॉलिसी से पैसे आए थे, उनमें से विधायकों को भी कैश राशि दी गई थी।
10. अरविंद केजरीवाल का मन था कि दिल्ली में राघव मुंगटा के पिता शराब कारोबार का चेहरा बनें।