केजरीवाल की एक और डिमांड राउज एवेन्यू कोर्ट से खारिज, एम्स डायरेक्टर तय करेंगे इंसुलिन कब दें?
Delhi court declines arvind kejriwal plea: दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्हें डॉक्टर से नियमित मुलाकात करने और इंसुलिन देने की मांग की थी। मामले की सुनवाई करते हुए स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने कहा कि सीएम को आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया जाना चाहिए। आगे कोर्ट ने कहा कि विशेष परिस्थितियों में जेल प्रशासन मेडिकल बोर्ड गठित कर ऐसे मामलों में उपचार उपलब्ध कराता है।
In the order to form a medical board for Arvind Kejriwal given by Delhi's Rouse Avenue Court, it has been said that
1. The medical board will decide whether or not to give insulin to Arvind Kejriwal
2. The same medical board will decide Arvind Kejriwal's Home cooked diet
3.…
— Jitender Singh (@jitenderkhalsa) April 22, 2024
एम्स के डॉक्टरों का पैनल गठित
राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य की जांच के लिए एम्स डायरेक्टर के नेतृत्व में एक पैनल गठित करने का आदेश दिया है। अदालत ने इस पैनल को सीएम की जांच कर उनकी मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में आगे कहा कि एम्स का पैनल सीएम की शुगर लेवल का एक चार्ट तैयार करेगा। उनकी जांच के बाद ये तय करेगा की सीएम केजरीवाल को इंसुलिन दी जाए या नहीं।
याचिका में किया गया था ये आग्रह
सीएम द्वारा दायर याचिका में उन्होंने कोर्ट से उन्हें तिहाड़ जेल में इंसुलिन उपलब्ध करवाने का आग्रह किया था। सीएम ने जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्हें डॉक्टरों से रोज 15 मिनट परामर्श करने की अनुमति मांगी थी। इन सभी मांगों को कोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत ने एम्स के डॉक्टरों को उनकी जांच कर आगे का निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
सुबह सीएम से संबंधित ये याचिका हुई थी खारिज
इससे पहले आज सुबह दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी आपराधिक मामलों में सीएम अरविंद केजरीवाल को असाधारण अंतरिम जमानत देने का निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने आगे अपने आदेश में याचिकाकर्ता पर 75000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने कहा कि लंबित आपराधिक मामले में असाधारण अंतरिम जमानत नहीं दे सकती है।
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