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मौसम साफ फिर भी दिल्ली की हवा क्यों खराब? जानें कितना है AQI

Delhi Air Pollution Update: दिल्ली का मौसम काफी साफ है। सुबह-शाम हल्की धुंध और दिन में अच्छी धूप खिलती है। बावजूद इसके वायु प्रदूषण बहुत खराब श्रेणी का बना हुआ है। आखिर क्यों, आइए इसके पीछे की वजह जानते हैं...
10:44 AM Dec 01, 2024 IST | Khushbu Goyal
मौसम साफ फिर भी दिल्ली की हवा क्यों खराब  जानें कितना है aqi
Delhi Air Pollution

Delhi Air Pollution Very Poor Quality: दिसंबर का महीना शुरू हो गया है। सुबह-शाम हल्की गुलाबी ठंड पड़ रही है, लेकिन नवंबर का महीना बेहद खराब गुजरा। नवंबर के 30 दिन दिल्ली में प्रदूषण से हालात खराब रहे। अभी भी दिल्ली की हवा काफी जहरीली है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आज दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 313 है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। दिल्ली के कई इलाकों में आज AQI 350 से ज्यादा है।

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आनंद विहार में 345, जहांगीरपुरी में 342, मुंडका में 363, नेहरू नगर में 347 और शादीपुर में 369 AQI रिकॉर्ड हुआ है। शुरुआत के 20 दिन तो दिल्ली की हवा सांस लेने लायक नहीं थी। स्मॉग की मोटी चादर बिछी थी और दृश्यता भी काफी कम थी। AQI 500 से ज्यादा रिकॉर्ड होने लगा था, लेकिन पिछले 10 दिन राजधानी में वायु प्रदूषण कम हुआ है, फिर भी राजधानी दिल्ली को बिल्कुल साफ नहीं कहा जा सकता है। हवा बहुत खराब श्रेणी की है।

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पराली जलाने की घटनाएं कम होने से घटा प्रदूषण

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में पिछले 10 दिन में वायु प्रदूषण में कमी आई है, क्योंकि पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली में पानी की बूंदों का छिड़काव किया जा रहा है। इसके लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार छठे दिन भी बहुत खराब श्रेणी की है, यानि राजधानी में वायु गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ है।

पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 5 प्रतिशत से कम हो गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के आंकड़ों से पता चलता है कि पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना बहुत कम हो गया है।

वाहनों से निकलने वाला धुंआ अब मुख्य कारण

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पराली जलाने की घटनाएं कम होने पर भी वायु प्रदूषण खत्म नहीं हुआ, क्योंकि वायु प्रदूषण का दूसरा कारण वाहनों से निकलने वाला धुंआ कम नहीं हुआ है। यह वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार दूसरा प्रमुख प्रदूषक है और वायु प्रदूषण बढ़ाने में इसका योगदान 25 प्रतिशत से ज्यादा है।

मौसमी परिस्थितियां भी अनुकूल नहीं हैं। हवाएं चलने से प्रदूषकों को फैलने का मौका मिला और प्रदूषण बढ़ा। हालांकि भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि रविवार से हवा की गति कम रहने से प्रदूषकों का फैलाव सिमित होगा, लेकिन वायु प्रदूषण समय के साथ कम होगा। फिर भी वायु प्रदूषण से जल्दी ही राहत मिल जाएगी।

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