सुपारी ली वसीम की, गलती से हॉस्पिटल में ठोक दिया रियाज! अब धरा गया दिल्ली का गैंगस्टर
GTB Hospital Shootout: दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (GTB) अस्पताल में हुए शूटआउट के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी फहीम उर्फ बादशाह को दबोच लिया है। आरोपी को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मेरठ से पकड़ा है। 14 जुलाई को दिनदहाड़े हुए कांड के बाद आरोपी फरार था। सुपारी लेकर मर्डर किया गया। लेकिन जिसकी सुपारी आरोपियों ने ली थी, वह बच गया। गलती से बदमाशों ने किसी और शख्स को मार दिया।
बिहार से आया था बादशाह
बदमाशों ने शाम 4 बजे अस्पताल के वार्ड नंबर 24 में रियाजुद्दीन नाम के मरीज को मौत के घाट उतार दिया था। उसके सीने में 5 गोलियां मारी थीं। पुलिस इस मामले में अब तक 3 बदमाशों को अरेस्ट कर चुकी है। जिसमें एक नाबालिग भी शामिल है। दो आरोपियों के नाम फैजान और सैफ हैं। आरोपी दूसरी गैंग के बदमाश वसीम को मारने आए थे। लेकिन गलती से रियाजुद्दीन को मार दिया। हत्या की जांच में पुलिस को पता लगा कि मास्टरमाइंड फहीम उर्फ बादशाह है। लेकिन आरोपी का सुराग नहीं लग रहा था। वह ठिकाने बदल रहा था।
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फहीम दिल्ली के बाबरपुर इलाके का रहने वाला है। 2019 में आरोपी बिहार से दिल्ली आकर प्रॉपर्टी डीलर का काम करने लगा था। इस दौरान वह कुख्यात बदमाशों के संपर्क में आया। जिसके बाद पहले छोटे-मोटे अपराध किए। फिर पुलिस ने उसे अगस्त 2023 में सराय रोहिल्ला में हुई एक डकैती के मामले में अरेस्ट किया था। मामले में आरोपी 10 महीने जेल में रहा था।
ONE SHOOTER OF A NOTORIOUS GANG AND MASTERMIND OF MURDER CASE OF GTB HOSPITAL, DELHI ARRESTED BY, ER-I,CRIME BRANCH
Kudos to the team, Insp. Ashish Dahima, ACP Rohitash Kumar and DCP Sh. Sanjay Kumar Sainhttps://t.co/17O65e8oRz
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— Crime Branch Delhi Police (@CrimeBranchDP) September 26, 2024
गैंगस्टर से खरीदे थे हथियार
जून 2024 में जेल से छूटने के बाद आरोपी फिर अपने गिरोह के साथ सक्रिय हो गया था। उसने फैज, अनस, फरहान, अमन, मोइन के साथ मिलकर वसीम को मार देने की योजना बनाई थी। फैजान, शावेज और सैफ ने मर्डर से एक दिन पहले नामी गैंगस्टर से दो अवैध हथियार और 19 राउंड भी खरीदे थे। जिसे अपने घर में छिपाकर रखा था। 14 जुलाई को आरोपी हथियार लेकर अस्पताल पहुंचे और गलत पहचान के कारण रियाजुद्दीन को मार दिया था। इसके बाद बादशाह फरार हो गया था। पहले वह गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली के जाकिर नगर में रहा। फिर बिहार चला गया। बाद में पंजाब गया, वहां से मेरठ आया था। पुलिस के पहुंचने से पहले आरोपी फरार हो जाता था।
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