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Lok sabha Election: दिल्ली में क्यों नहीं खुला केजरीवाल का खाता? सामने आए 4 कारण

Delhi Lok Sabha Election Results 2024 Live Updates: दिल्ली के बजाय आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन पंजाब में अच्छा रहा है। दिल्ली में एक दशक से आम आदमी पार्टी सत्ता में है। सवाल ये है कि आखिर क्यों वह एक भी सीट राजधानी में नहीं जीत पाई? पिछली बार भी दिल्ली में आप को निराशा हाथ लगी थी।
09:11 PM Jun 04, 2024 IST | Parmod chaudhary
lok sabha election  दिल्ली में क्यों नहीं खुला केजरीवाल का खाता  सामने आए 4 कारण
अरविंद केजरीवाल।

Delhi Lok Sabha Election 2024 Results: दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई। केजरीवाल ने कांग्रेस से गठबंधन किया था, ताकि बीजेपी को हराया जा सके। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। न तो कांग्रेस यहां से जीत सकी, न ही आम आदमी पार्टी को सफलता हाथ लगी। लगातार तीसरी बार बीजेपी ने सभी सातों सीटों पर जीत हासिल की। लाख कोशिशों के बाद भी आम आदमी पार्टी को सफलता हाथ नहीं लगी। दिल्ली के नतीजे पार्टी को चौंका रही थी। पार्टी को लग रहा था कि केजरीवाल के जेल जाने के बाद उनको सहानुभूति के तौर पर वोट मिलेगा।

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लेकिन इसका उलटा हुआ। सीएम केजरीवाल के जेल जाने के बाद आप को उम्मीदों के मुताबिक वोट नहीं मिले। हार के पीछे 4 मुख्य कारण माने जा रहे हैं।

पहला कारण: पहली वजह पार्टी के बड़े नेताओं का जेल में होना रही। इस समय सिसोदिया एक साल से ज्यादा समय से भीतर हैं। सत्येंद्र जैन भी तिहाड़ में बंद हैं। बड़े नेताओं के जेल जाने के कारण पार्टी दिल्ली में माहौल नहीं बना पाई।

दूसरा-'जेल के बदले वोट' कैंपेन का नहीं दिखा असर

केजरीवाल ने जेल जाने के बाद जेल का जवाब वोट कैंपेन चलाया था। पार्टी ने उनका फोटो सलाखों के पीछे दिखाया था। लग रहा था कि सहानुभूति मिल जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोगों ने बीजेपी को ही वोट दिया।

तीसरा कारण: कांग्रेस से गठबंधन भी हार का कारण रहा। पार्टी ने सिर्फ दिल्ली और हरियाणा  में अनोखा प्रयोग किया। पंजाब में काग्रेस से अलग चुनाव लड़ा। लग रहा था कि अगर वह कांग्रेस से दिल्ली और  हरियाणा में संगठन करेगी, तो वोट बिखरेगा नहीं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जमीनी स्तर पर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता एक-दूसरे से असहज दिखे। जिसका फायदा बीजेपी को मिला।

चौथा कारण: मोदी का फैक्टर भी काम कर गया। यहां के लोग दो बार लगातार बीजेपी को सभी सीटों पर जिता चुके हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे अलग रहे हैं। लोगों को लगा कि केंद्र में मोदी ही आएंगे। जिसका लाभ भी बीजेपी को मिला। आप को निराशा हाथ लगी।

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