17 महीने से जेल में बंद मनीष सिसोदिया को SC से जमानत, कोर्ट बोला- बिना ट्रायल सजा नहीं दे सकते
Delhi Liquor Policy Scam Case: दिल्ली शराब नीति मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शुक्रवार 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। वे 26 फरवरी 2023 से ईडी की हिरासत में थे। बता दें कि इस मामले में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की पीठ ने तीन दिन पहले आदेश सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी थी।सिसोदिया को 10 लाख रुपये का बाॅन्ड भरना होगा।
सिसोदिया को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत के मामले में लोअर और हाईकोर्ट सेफली खेल रहे हैं। सजा के तौर पर जमानत से इंकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि अब यह समझने का समय आ गया है कि जमानत एक नियम है और जेल एक अपवाद है। कोर्ट ने सिसोदिया को तीन शर्तों पर जमानत दी है। पहली- उन्हें अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। दूसरी- उन्हें 10 लाख रुपये का बाॅन्ड भरना होगा। तीसरी- उन्हें दो जमानतदार पेश करने होंगे।
सीएम के ऑफिस में एंट्री से नहीं रोक सकते
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने कहा कि मनीष सिसोदिया को दिल्ली के सीएम ऑफिस में प्रवेश से रोका जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते हैं। स्वतंत्रता का मामला हर रोज मायने रखता है।
कोर्ट ने आगे कहा कि इस मामले में ट्रिपल टेस्ट आडे़ नहीं आएगा। क्योंकि मामला ट्रायल में देरी को लेकर है। निचली अदालत ने राइट टू स्पीडी ट्रायल को अनदेखा किया और मेरिट के आधार पर जमानत नहीं दी।
ये भी पढ़ेंः Video: बारिश के बाद थमें NCR के पहिए, जाम से बढ़ी घर की दूरी, जानें IMD का ताजा अपडेट
26 फरवरी को अरेस्ट हुए थे
मामले में पिछली सुनवाई 29 जुलाई को हुई थी। इसमें ईडी ने हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी थी। बता दें कि सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को सीबीआई ने और 9 मार्च को ईडी ने अरेस्ट किया था। सिसोदिया ने अरेस्ट होने के 2 दिन बाद दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।