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स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती कौन? जिन्हें यूपी पुलिस ने किया नजरबंद, विवादों से है पुराना रिश्ता

Swami Yati Narsinghanand Saraswati Profile: गाजियाबाद डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है। आखिर इसकी क्या वजह है? आइए जानते हैं स्वामी यति नरसिंहानंद के बारे में विस्तार से...
09:18 AM Nov 25, 2024 IST | Sakshi Pandey
स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती कौन  जिन्हें यूपी पुलिस ने किया नजरबंद  विवादों से है पुराना रिश्ता

Swami Yati Narsinghanand Saraswati: मौलवी तौकीर रजा की अपील के खिलाफ रामलीला मैदान में उतरे स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती पर पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। गाजियाबाद के शिवशक्ति धाम डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद एक बार फिर सुर्खियों में है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया है। स्वामी नरसिंहानंद की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।

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कौन हैं स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती

यति नरसिंहानंद सरस्वती का असली नाम दीपक त्यागी है। मेरठ से ताल्लुक रखने वाले यति नरसिंहानंद के पिता सरकारी मुलाजिम थे। विदेश से पढ़ाई करने वाले यति नरसिंहानंद गाजियाबाद स्थित शिव शक्ति धाम डासना मंदिर के महंत हैं। पूर्व बीजेपी सांसद बीएल शर्मा को वो अपना गुरु मानते हैं।

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विदेश में पूरी की पढ़ाई

जानकारी की मानें तो यति नरसिंहानंद ने रूस से कैमिकल टेक्नोलॉजी की पढ़ाई परी की। जिसके बाद उन्होंने रूस की राजधानी मॉस्को और ब्रिटेन की राजधानी लंदन में काम शुरु किया। हालांकि मां की बीमारी सुनकर स्वामी नरसिंहानंद भारत वापस लौट आए। यति नरसिंहानंद को अखिल भारतीय संत परिषद का राष्ट्रीय संयोजन और समाजवादी पार्टी का पूर्व नेता भी बताया जाता है। उनकी एक संस्था भी है, जिसे हिन्दू स्वाभिमान के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा उन्होंने धर्म सेना का भी गठन किया है, जिसका काम हिन्दू युवाओं और बच्चों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना है।

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क्या है पूरा मामला?

मौलवी तौकीर रजा ने वक्फ बिल का विरोध करने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों से दिल्ली के रामलीला मैदान में एकजुट होने का ऐलान किया था। मौलवी साहब ने 24 नवंबर को यह मुस्लिम सम्मेलन बुलाया था। हालांकि स्वामी नरसिंहानंद ने भी वीडियो जारी करते हुए इसी तारीख को रामलीला मैदान में हनुमान चालीसा का पाठ करने की मुहिम छेड़ दी।

नरसिंहानंद की अपील

स्वामी नरसिंहानंद ने वीडियो में कहा कि हिंदू समाज को शाहीन बाग और किसान आंदोलन जैसी गलती नहीं दोहरानी चाहिए। वक्फ बिल के खिलाफ मौलवी तौकीर रजा ने मुस्लिम सम्मेलन बुलाया है। इस देश में जितने भी हिंदू जीवित हैं, वो सभी 24 नवंबर को रामलीला मैदान पहुंचे। हम सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। हम तब तक हनुमान चालीसा पढ़ेंगे, जब तक यह दिल्ली में जमा रहेंगे।

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