अमेरिका में पढ़ने का सपना है? पहले पढ़ लें इस भारतीय इंजीनियर की वॉर्निंग; क्यों कहा- चकनाचूर हो जाएंगे सपने
Indian students in US: बड़े बड़े सपने लेकर अपने देश को छोड़कर दूसरे देशों में बस जाते हैं, ताकि एक अच्छा भविष्य बना सकें। भारत से हर साल लाखों छात्र पढ़ाई के लिए अलग अलग देशों में जाते हैं ताकि पढ़ाई पूरी करके वहीं पर कोई अच्छी सी जॉब मिल सके। घर वालों के भी सपने होते हैं कि उनके बच्चे डॉलर में कमाएं। लेकिन भारतीय इंजीनियर सुरेन की चेतावनी से कई लोगों के ख्वाब टूट सकते हैं। दरअसल, सुरेन ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने भारतीय छात्रों को यूएस आने से मना किया है।
इंजीनियर सुरेन ने भारतीय छात्रों को क्यों चेताया?
डॉक्टर, इंजीनियर बनने का ख्वाब लेकर हर साल बच्चे अपना देश छोड़कर विदेश जाते हैं। सुरेन ने भी इसी सपने के साथ इंजीनियरिंग की होगी। हाल ही में यूएसए में रहने वाले इस इंजीनियर का जिक्र होने लगा है क्योंकि इन्होंने एक ट्वीट किया है जो काफी वायरल हो गया। सुरेन ने लिखा 'कृपया USA न आएं, आपके सपने चकनाचूर हो जाएंगे।' उन्होंने आगे लिखा 'अगर आपको मुझ पर भरोसा नहीं है तो पिछले दशक में यहां पढ़ाई करने आए किसी भी व्यक्ति से बात कर सकते हैं। पढ़ाई के बाद भी यहां पर कोई फ्यूचर नहीं है।'
सुरेन कहते हैं 'आपका पूरा करियर #H1B वीजा के पीछे भागते हुए निकल जाएगा, भारत में जन्मे लोगों के लिए ग्रीन कार्ड के लिए 100 साल का इंतजार करना पड़ता है।' सुरेन ने ये पोस्ट यूएस एम्बेसडर के वीडियो के बाद किया है, जिसमें वो भारतीय छात्रों को यूएस में पढ़ाई के लिए वेलकम कर रहे हैं।
सुरेन कहते हैं कि इंटरनेशनल डिग्री होना नौकरियों, निवेशों या अवसरों में सफलता की गारंटी नहीं देता है। संघर्ष और चुनौतियां हर जगह मौजूद हैं। उन्होंने आगे कहा, 'हां अगर आपको नौकरी मिलती है, तो हम जाहिर तौर पर अधिक पैसा कमा सकते हैं, लेकिन कुछ समय बाद इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।'
क्या कहते हैं आंकड़े?
2023 में, 1.3 मिलियन से अधिक भारतीय छात्र हायर एजुकेशन के लिए विदेश गए, जिसमें यूएसए जाने वाले छात्रों में काफी बढ़ोतरी हुई थी। वहीं, विदेश मंत्रालय के आंकड़े देखें तो उससे पता चलता है कि 2023 में कुल 1,318,955 भारतीय छात्र 68 कई देशों में एजुकेशन के लिए विदेश गए। इनमें से 351,106 छात्रों ने संयुक्त राज्य अमेरिका को चुना, जिससे यह कनाडा के बाद दूसरी सबसे पसंदीदा जगह बन गया।