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कैंसर से लड़े, अस्पताल में पढ़े; 23 कीमोथेरेपी, दिल छू लेगी NEET UG टॉपर मौलिक पटेल की सक्सेस स्टोरी

NEET UG 2024 Topper Maulik Patel Success Story: नीट यूजी टॉपर मौलिक पटेल की सक्सेस स्टोरी दिल छू लेगी। कैंसर से ग्रस्त होने के बाद उन्होंने उम्मीदें नहीं छोड़ी। कैंसर के कारण मौलिक को 12वीं की परीक्षा छोड़नी पड़ी थी। लेकिन अस्पताल में होने के बाद भी उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई की। उनकी सफलता की कहानी दूसरों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत है।
09:49 PM Jun 11, 2024 IST | Parmod chaudhary
कैंसर से लड़े  अस्पताल में पढ़े  23 कीमोथेरेपी  दिल छू लेगी neet ug टॉपर मौलिक पटेल की सक्सेस स्टोरी
नीट टॉपर मौलिक पटेल।

Maulik Patel Success Story: कहते हैं कि अगर मन लगाकर मेहनत की जाए, तो सफलता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता। कुछ ऐसा ही उदाहरण बनकर आए हैं नीट टॉपर मौलिक पटेल। कैंसर से ग्रस्त होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। नीट यूजी 2024 का रिजल्ट आया, तो उनको 720 में से 715 अंक मिले। वे इस बार के टॉपर बन गए। कैंसर को शिकस्त दे चुके मौलिक का सपना अब कैंसर स्पेशलिस्ट (ऑन्कोलॉजिस्ट) बनने का है। वे चाहते हैं कि कैंसर पीड़ितों के लिए काम कर सकें, उनकी जिंदगी को खुशहाल बना सकें। मुंबई के घाटकोपर के रहने वाले मौलिक आज दूसरों के लिए उदाहरण बन चुके हैं।

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जिंदगी में कुछ भी हो, हार न मानें

मौलिक का मानना है कि चाहे जिंदगी में जो कुछ हो जाए, कभी हार नहीं मानें। अगर हौसला होगा तो जीत जरूर हासिल होगी। 2022 में उनको 11वीं की पढ़ाई के दौरान यूरिनेशन के समय दर्द महसूस हुआ था। जिसके बाद उन्होंने सोनोग्राफी करवाई। तब पता लगा कि यूरिनेशन ब्लैडर के पास 10 सेंटीमीटर का ट्यूमर है। बायोप्सी में कैंसर की पुष्टि हुई। जिसके बाद लगातार अप्रैल 2024 तक इलाज चला। डॉक्टर ने उनको सरकोमा कैंसर की जानकारी दी थी।

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मौलिक की जून 2022 में पहली सर्जरी हुई थी। डॉक्टरों ने यूरिन ब्लैडर निकालने की बात कही थी। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। जिसके बाद रोजाना 3 से 4 घंटे कीमोथेरेपी होती थी। अक्टूबर 2022 तक लगातार तीन सेशन कीमो के हुए। जिसके बाद चार सेंटीमीटर का ट्यूमर निकाला गया। बाद में जनवरी 2023 में ट्यूमर 16 सेंटीमीटर का हो गया था। जिसके कारण उनकी सर्जरी हुई और वे 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा व नीट पेपर नहीं दे पाए थे।

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मौलिक ने बताया कि इलाज के दौरान 23 कीमोथेरेपी उनकी हुई। 31 रेडिएशन से वे गुजरे। अस्पताल में उनको 4-4 घंटे ठहरना पड़ता था। लेकिन उन्होंने पढ़ना नहीं छोड़ा। मौलिक माता-पिता के इकलौते हैं। अब पूरी तरह कैंसर से मुक्त हो चुके हैं। महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड के स्टूडेंट मौलिक 12वीं में 94.67 फीसदी नंबर हासिल कर चुके हैं। मुंबई के केवीएम हॉस्पिटल से ही वे एमबीबीएस करने की इच्छा रखते हैं।

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