केवल एक बोर्ड परीक्षा...9वीं से सीधा 12वीं का एग्जाम! नई शिक्षा नीति में और कितने बदलाव?
New Education Policy: नई शिक्षा नीति 2023 (NEP) के तहत शिक्षा प्रणाली में बड़े और क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं। हाल ही में नई शिक्षा नीति को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। जिसमें कहा जा रहा है कि 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं को खत्म कर दिया जाएगा। इस नीति में और क्या बदलाव शामिल हैं और ये कैसे शिक्षा प्रणाली को नया स्वरूप दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति की खास बातों को सरल तरीके से जानिए।
केवल 12वीं क्लास में होगी बोर्ड परीक्षा
अभी तक स्कूलों में पढ़ाई का पैटर्न अलग था, जो कि नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद बदल जाएगा। अभी तक 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं पास कर छात्र आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज जाते थे। नई शिक्षा नीति में 10वीं की बोर्ड परीक्षा को खत्म कर दिया जाएगा। यानी सीधा 12 वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित होंगी। हालांकि पेटर्न में जो बदलाव किया गया है उसमें अब सेमेस्टर के हिसाब से परीक्षाएं कराई जाएंगी। स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।
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1 साल में MA की डिग्री
इसके अलावा 5वीं क्लास के छात्रों को केवल मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाई कराई जाएगी। बाकी सब्जेक्ट्स सेकेंडरी रहेंगे। MPhil को खत्म किया जाएगा और कॉलेज की डिग्री 4 साल की कर दी जाएगी। आसान भाषा में समझें तो यह डिग्री 3 और 4 साल की होगी, जिसमें ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।
इसमें एक ट्विस्ट ये है कि 3 साल की डिग्री उन छात्रों को दी जाएगी, जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं करना है। जो हायर एजुकेशन करने वाले छात्र होंगे उनकी डिग्री 4 साल की रहेगी। 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स को एक फायदा ये होगा कि वह केवल एक साल में MA की डिग्री हासिल कर सकेंगे। इसके बाद सीधे PHD के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
दो कोर्स एक साथ कर सकेंगे
अभी तक एक बार में केवल एक ही कोर्स पूरा कर सकते हैं। अहर एक साथ दो कोर्स कर रहे हैं तो उसमें से एक अमान्य हो जाता है। लेकिन नई पॉलिसी के बाद छात्र एक साथ दो कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। इसका तरीका रहेगा कि दूसरे कोर्स को करने के लिए पहले कोर्स से कुछ समय के लिए बीच में रोकना पड़ेगा। आगे बताया गया कि हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
अन्य बदलाव क्या?
इन बदलावों के अलावा हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं। जिसमें ग्रेडेड एकेडमिक, एडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी हैं। वहीं, क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स भी कराए जाएंगे। इसके अलावा वर्चुअल लैब्स भी बनाई जाएंगी और एक नेशनल एजुकेशनल साइंटिफिक फोरम (NETF) की शुरुआत भी की जाएगी। आपको बता दें कि ये नियम देश के तमाम कॉलेजों पर लागू होंगे।
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