विश्वविद्यालयों में खत्म हो जाएगा भर्तियों में आरक्षण? क्या कहती हैं UGC की ड्राफ्ट गाइडलाइंस?
UGC Draft Guidelines To De-Reserve SC, ST, OBC Posts In Universities : यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की हैं। ये गाइडलाइंस उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आवेदकों के लिए भर्तियों को गैर आरक्षित करने को लेकर हैं। ड्राफ्ट के अनुसार अगर पर्याप्त आरक्षित उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं तो इन्हें सामान्य वर्ग में लाया जाएगा।
उच्च शिक्षण संस्थानों में टीचिंग और नॉन-टीचिंग पदों पर आरक्षण नीति लागू करने के लिए दिशानिर्देश यूजीसी ने 27 दिसंबर 2023 को जारी किए थे। इस पर पब्लिक ओपिनियन देने का समय 28 जनवरी यानी आज समाप्त हो रहा है। ड्राफ्ट में कहा गया है कि डायरेक्ट रिक्रूटमेंट में आरक्षित खाली पदों को डि-रिजर्व करने पर सामान्य प्रतिबंध है। लेकिन, अपवाद के मामलों में ऐसा किया जा सकता है। जैसे कि ग्रुप ए के पद को जनता के हित में खाली नहीं रखा जा सकता है।
कब खत्म किया जा सकता है आरक्षण
ड्राफ्ट गाइडलाइंस के अनुसार ऐसी स्थिति में संबंधित यूनिवर्सिटी खाली पदों को गैर आरक्षित करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर सकती है। इस प्रस्ताव में पद का डेजिग्नेशन, पे स्केल, सेवा का नाम, जिम्मेदारियां और कर्तव्य, पद के लिए जरूरी एजुकेशनल व अन्य क्वालिफिकेशन आदि के साथ यह कारण भी होना चाहिए कि पोस्ट को खाली क्यों नहीं रखा जा सकता है। साथ ही उस पद का डि-रिजर्वेशन क्यों होना चाहिए इसके कारण का उल्लेख भी प्रस्ताव में होना जरूरी है।
ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों को गैर आरक्षित करने के प्रस्ताव को यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल अप्रूव नहीं कर सकती है। ग्रुप ए और ग्रुप बी के पदों के लिए प्रस्ताव को शिक्षा मंत्रालय में जमा कराना होगा। यहां से अनुमति मिलने के बाद पद पर भर्ती की जा सकेगी और आरक्षण को आगे ले जाया जा सकेगा। इसमें यह भी कहा गया है कि विश्वविद्यालयों को अपने आरक्षित खाली पदों पर भर्ती के लिए दूसरी बार शॉर्टफॉल और बैकलॉग जल्द से जल्द भर दिया जाना चाहिए।
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