इन 4 कोर्स को करने से सैलरी होगी लाखों में! डिटेल्स में जानिए फायदे
Top 4 Highest Paying Jobs in India: 12वीं के एग्जाम हो जाने के बाद बैचलर की डिग्री के लिए कई कोर्स उपलब्ध होते हैं, लेकिन बच्चे काफी सोच में पड़ जाते हैं कि आगे क्या करें, उन्हें समझ नहीं आता अब उनके लिए कौनसा कोर्स करना सही रहेगा। दुनिया में कुछ ऐसे कोर्स होते है जिन्हें करने के लिए दिन-रात की मेहनत करनी पड़ती है, जिसे करने में बच्चों का पसीना छूट जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कुछ ऐसे ही कोर्स के बारे में, जिन्हें भारत के सबसे मुश्किल कोर्स में गिना जाता है।
यहां देखें सबसे मुश्किल विषयों की सूची:-
हाल ही में Oxford Royal Academy ने दुनिया के सबसे कठिन विषयों की लिस्ट शेयर की है। अगर आप भी कोई कोर्स करने की सोच रहे हैं, तो इस लिस्ट पर एक बार नजर जरूर डालें।
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लॉ (law)
लॉ को मुश्किल कोर्स में गिना जाता है। यह कोर्स तीन साल का होता है, जिसमे कानूनी स्टडी और कानून से संबंधित सभी सब्जेक्ट होते हैं, इस कोर्स में कॉन्ट्रैक्ट लॉ, आपराधिक कानून, नागरिक कानून, संपत्ति कानून, कॉर्पोरेट कानून और संवैधानिक कानून जैसे सब्जेक्ट भी शामिल होते हैं। इसमें 15 लाख रुपये तक सैलरी मिलती है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट (Chartered Accountant)
CA का कोर्स भी काफी मुश्किल कोर्स होता है। इस कोर्स को करने में लगभग 5 साल का समय लग जाता है, क्योंकि ये कोर्स तीन स्टेप्स में पूरा होता है, सबसे पहले फाउंडेशन कोर्स करना होता है जो लगभग 4 महीने का होता है, उसके बाद सीए इंटरमीडिएट एग्जाम को क्लियर करना पड़ता है, जिसमे 3 साल लग जाते हैं और आखिर में एक फाइनल कोर्स जो 2 साल का होता है। इस कोर्स के बाद एक CA की सामान्य सैलरी 15 लाख रुपये तक होती है।
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering)
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अंतरिक्ष यान, विमान, मिसाइल और हथियार आदि के डिजाइन और रखरखाव की पढ़ाई की जाती है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में कही न कही मैकेनिकल इंजीनियरिंग भी शामिल है, जिसमें कंप्यूटर एप्लिकेशन, गणित, ड्राफ्टिंग, बिजली, रोबोटिक्स, एयरोनॉटिक्स आदि सब्जेक्ट्स भी होते हैं। इसमें 24 लाख रुपये तक सालाना सैलरी मिलती है।
आर्किटेक्चर (Architecture)
आर्किटेक्चर को एक आसान कोर्स मानने की गलती बिल्कुल न करें। इसे भी दुनिया का एक मुश्किल कोर्स माना गया है। क्योकि इसके लिए सिर्फ कोर्स कर लेना ही काफी नहीं होता कुछ सॉफ्टवेयर भी सीखने पड़ते हैं, जैसे कि ऑटोकैड या ऐसा कोई सॉफ्टवेयर जिनके अंदर ये लोग आर्किटेक्चर डिजाइन को तैयार कर सकें। इस कोर्स के बाद सामान्य सैलरी 40 लाख रुपये सालाना तक होती है।