AR Rahman के तलाक के बाद बच्चों की कस्टडी किसे मिलेगी? वकील ने किया खुलासा
AR Rahman-Saira Banu: मशहूर सिंगर और म्यूजिशियन एआर रहमान और उनकी पत्नी सायरा बानो एक दूसरे से अलग हो चुके हैं। इस खबर से फैंस भी काफी शॉक्ड हो गए। जाहिर है कि 29 साल तक साथ रहने वाले इस कपल ने अचानक अलग होने की बात कही तो फैंस के मन में कई सवाल उठने लगे। इस बीच एक सवाल यह भी है कि एआर रहमान और सायरा बानो के अलग होने के बाद बच्चों की कस्टडी किसके हाथ में जाएगी। अब इस सवाल का जवाब सिंगर की वकील ने दे दिया है। साथ ही यह क्लीयर कीर दिया है कि एआर रहमान और सायरा बानो के बीच में क्या सुलह की गुंजाइश हो सकती है।
सोशल मीडिया पर कुछ वक्त से चर्चा चल रही है कि शायद एआर रहमान और सायरा बानो अपने रिश्ते को एक और मौका दे सकते हैं। दोनों के रिश्ते में सुलह की गुंजाइश है। लेकिन अब इन खबरों पर उनके वकील ने रोक लगा दी है। विक्की लालवानी के पॉडकास्ट में बातचीत करते हुए वकील वंदना शाह ने कहा कि एआर रहमान और सायरा बानो के बीच में सुलह नहीं हो सकती है।
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किसे मिलेगी बच्चों की कस्टडी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब वकील वंदना शाह से पूछा गया कि अगर एआर रहमान और सायरा बानो तलाक लेते हैं तो बच्चों की कस्टडी किसके पास जाएगी? इस सवाल का जवाब देते हुए वकील ने कहा कि बच्चों की कस्टडी किसके पास जाएगी यह अभी तक फाइनल नहीं हो सका है। ये फाइनल होना अभी बाकी है। वकील ने कहा कि एआर रहमान और सायरा बानो के बच्चे एडल्ट हैं तो वह खुद ही तय कर सकते हैं कि उन्हें पिता या मां किसके साथ में रहना है।
वहीं एलिमनी पर बात करते हुए वकील वंदना शाह ने कहा कि तलाक के बाद सायरा बानो को एमिमनी मिलेगी या नहीं इस बारे में वह कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि सायरा उनमें से हैं, जिन्हें पैसों से कोई लेना देना नहीं है।
दोनों के बीच सुलह की गुंजाइश?
सिंगर एआर रहमान और सायरा बानो के बीच सुलह की गुंजाइश पर बात करते हुए वकील वंदना शाह ने कि दोनों के बीच में सुलह मुमकिन नहीं है। वकील ने सफाई देते हुए यह भी कहा कि वह यह नहीं कह रही हैं कि सुलह संभव नहीं है। वह आशावादी इंसान हैं और हमेशा प्यार के बारे में बात करती हैं। हालांकि एआर रहमान और सायरा बानो के बीच का ज्वाइंट स्टेटमेंट बिल्कुल साफ है। दोनों लंबे समय से एक रिश्ते में थे और इस फैसले पर पहुंचने के लिए बहुत विचार किया गया है लेकिन वह नहीं कह रही हैं कि दोनों के बीच सुलह संभव नहीं है।